आम तौर पर हम सब सुनते आये है की माँ से बढ़कर भगवान भी नहीं है, माँ नौ महीने गर्भ में रखकर अपने बच्चे को जन्म देती है और जन्म के समय असहाय पीड़ा से गुजरति है, लेकिन टेक्नोलोजी और महिला सशक्तिकरण ने दोनों ही परभाषाओ को बदल दिया है, पहले पढ़ी लिखी महिलाओ ने उन्नति प्रगति के नाम पर संयुक्त परिवार को तोड़ कर एकल परिवार की राह अपनायी।
और पढ़ने लिखने और आत्मनिर्भर बनने के बाद भारत जैसे देश में प्रतिवर्ष तलाक की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी देखि गयी, कारण एकतरफा तो नहीं होंगे, क्युकी ऋतिक रोशन और अरबाजखां का भी तलाक हुआ है, अमेज़न के मालिक और बिल गेट्स जैसे बहुत पैसे वाले लोगो के भी तलाक हुआ है, तो सिर्फ घरेलू हिंसा के सर पर धिकरा नहीं फोड़ सकते है।
महिलाये आत्मनिर्भर बनी तो उनको माता पिता, सास ससुर और बाद में पति तक की कोई खास जरूरत महसूस नहीं हुयी, और परिणाम उन्होंने अकेले जीवन जीना शुरू किया, और अपनी भौतिक जरुरतो के लिए उनके पास पैसा है जिससे उन्होंने अपनी हर जरूरत को पूरा किया।
अभी हाल के दिनों में बहुत सी खबरे आ रही थी जिसमे माँ ने अपने बच्चे को मार दिया, कुछ में तो उनकी मानसिक दशा सही नहीं होना पाया गया और कही में उनका अहंकार, ऐसी ही एक घटना घटी है जिसमे माँ कोई मनोरोगी नहीं है वल्कि AI यानि की आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कम्पनी की मुख्या है, इन्होने अपने बच्चे की हत्या की।
न केवल हत्या की वल्कि उसके शव को बेग में रखकर उनको ठिकाने लगाने की कोशिश में थी, लेकिन पाप कैसे छुपेगा वो भी ऐसा वाला, पकड़ी गयी, अब देखो क्या कहानी सुनाती है, इनकी और महिलवादी संगठनों की पूरी कोशिश रहेगी कही न कहि इनके पति को घेरने की, अब देखना है कानून क्या करता है।
































