डिम्पल यादव पर मौलाना का आपत्तिजनक बयान – क्या राजनीति के नाम पर बहन-बेटियों का अपमान सहेंगे?
अभी कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के जिले इटावा में एक जाति छुपाकर और महिलाओ के साथ अभद्र व्यव्हार करने वाले कथावाचक को लेकर उपद्रव, आगजनी, तोड़फोड़ कर शहर जलाने वाले सपा समर्थक और खुद को ‘अहीर रेजिमेंट के शूरवीर’ कहने वाले लोग आज चुप क्यों हैं?
जबकि इस बार तो निशाना किसी ऐरे गेरे पर नहीं, बल्कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव पर साधा गया हैऔर वो भी मौलाना साजिद रशीदी ने उनके सिर पर आंचल न होने को लेकर उन्हें ‘नंगी बैठी’ कह दिया।
सोचिए, एक महिला, जो भारतीय सनातन संस्कृति के अनुरूप साड़ी और आंचल में है, उसे सिर्फ इस बात पर नग्न कह दिया गया कि उसने इंटरव्यू के दौरान सिर नहीं ढका, भारतीय महिलाओ से तो चल समाजवादी पार्टी को कोई लेना देना वैसे ही नहीं है क्युकी आजम खान चड्डी का रंग देखते थे और मुलायम सिंह लड़के गलती हो जाती है कहकर महीलाओ को सम्मानांजलि अर्पित किया करते थे, !
अब बात करते !राजनीति से बड़ा है नारी का सम्मान
राजनीति अपनी जगह है, विचारधारा अपनी जगह है।
लेकिन जब बात नारी की अस्मिता और सम्मान की हो, तब क्या पार्टी, पद, विरोध–समर्थन सब भूलकर एकजुट नहीं होना चाहिए?
आज अगर डिम्पल यादव के लिए मौलाना जैसे लोग इस तरह के शब्द प्रयोग कर सकते हैं तो कल किसी और महिला के लिए भी यही भाषा इस्तेमाल होगी।
सवाल ये है –
- सपाई चुप क्यों हैं?
- क्या वोट-बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति इतनी बड़ी है कि अपने घर की बहन-बेटी जैसा सम्मान भी भूल जाओगे?
- क्या मुस्लिम कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए अपनी ही पार्टी की महिला नेता का अपमान भी निगल लोगे?
🚩 सनातन संस्कृति में नारी का स्थान
हमारी सनातन परंपरा में नारी को माँ का दर्जा दिया गया। “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” यानी जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहीं देवता वास करते हैं।
डिम्पल यादव राजनीति से जुड़ी हों, ये अलग बात है, लेकिन उससे पहले वो एक माँ हैं, बहन हैं, बेटी हैं और सबसे बढ़कर एक सनातनी महिला हैं।
ऐसी महिला को नग्न कहना सिर्फ उनका नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारतीय नारी अस्मिता का अपमान है।
❓ सवाल सपाइयों से
सपाइयों,
- जब इटावा में एक फर्जी कथावाचक के लिए सड़कों पर आगजनी कर सकते हो,
- जब मामूली सी बात पर दंगे भड़का सकते हो,
तो आज अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री का अपमान होने पर खामोश क्यों हो?
क्या तुम्हारा ज़मीर बिक चुका है?
क्या वोट-बैंक के लालच में तुम इतने गिर चुके हो कि बहन-बेटी के अपमान पर भी चुप रहोगे?
🔥 ये सिर्फ राजनीति नहीं, ये नारी का घोर अपमान है
मौलाना साजिद रशीदी का बयान घोर आपत्तिजनक और अस्वीकार्य है।
किसी को भी ये हक़ नहीं कि वो किसी महिला के वस्त्रों या पहनावे पर इस तरह की भद्दी टिप्पणी करे, खासकर तब जब उसने भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही परिधान पहना हो।
ये बयान न सिर्फ डिम्पल यादव का, बल्कि पूरे भारतीय समाज का अपमान है।
✊ हमारा ज़मीर अभी ज़िंदा है!
तुम चाहे वोट के लिए चुप रहो, लेकिन हम सनातनियों का ज़मीर अभी ज़िंदा है।
हम किसी भी सनातनी महिला का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे – चाहे वो किसी भी पार्टी से जुड़ी हो।
👉 हम माँ-बहन-बेटियों के सम्मान पर कोई समझौता नहीं करेंगे।
👉 हम इस बयान की कड़ी निंदा करते हैं।
👉 और हम मांग करते हैं कि मौलाना साजिद रशीदी को माफी मांगनी ही पड़ेगी।
📢 अब क्या होना चाहिए?
- सपा नेतृत्व को तुरंत इस बयान की निंदा करनी चाहिए – क्योंकि ये उनकी ही महिला नेत्री के सम्मान की बात है।
- महिला संगठनों को एकजुट होकर विरोध करना चाहिए – ताकि किसी को भी महिला पर ऐसे शब्द बोलने की हिम्मत न हो।
- कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए – क्योंकि ये बयान न केवल नैतिक बल्कि कानूनी दृष्टि से भी आपत्तिजनक है।
✍️ अंत में…
राजनीति का रंग चाहे जो भी हो, नारी का सम्मान सर्वोपरि है।
अगर आज इस अपमान पर चुप्पी साध ली, तो कल हर बहन-बेटी के लिए यही भाषा इस्तेमाल होगी।
🚨 मौलाना साजिद रशीदी को माफी माँगनी ही पड़ेगी!
🚨 नारी सम्मान पर कोई समझौता नहीं होगा!
👉 क्या आप भी इस बयान की निंदा करते हैं?
👉 क्या आप भी मानते हैं कि नारी के सम्मान से बड़ा कोई धर्म नहीं?
अपनी राय ज़रूर लिखें और इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि सच्चाई हर किसी तक पहुँचे।


































