जब देश स्वतंत्र हुआ तो सत्ता की बागडोर ऐसे निश्छल और निष्कपट लोगो के हाथो में आ गयी थी या यूँ कहे ऐसे अदूरदर्शी लोगो के हाथो में आगयी थी जो भविष्य आने वाली विषम और विचरित्र परिस्थितिओ के बारे में सोच में भी नहीं पाए, उसी में से एक वक्फ बोर्ड ये क्यों बना इस पर कभी चर्चा नहीं होती की जब संविधान धर्मनिरपेक्ष का ढिंढोरा पीट रहा है तो फिर किसी धर्म के नाम पर बोर्ड क्यों ? और उसको इतनी बड़ी मान्यता क्यों ? कहने वाले कहते है की भारत में वक्फ संपत्तियाँ मुस्लिम धर्म के धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए दान की गई स्थिर या चल संपत्तियाँ होती हैं और वक्फ अधिनियम, 1995 ने उन वक्फ संपत्तियों के प्रशासन, देख-रेख, न्यायालयीन विवादों आदि का प्रावधान किया। लेकिन अब सरकार वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 ला रही है जिस का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही, शासन संरचनाओं में सुधार और वक्फ के दुरुपयोग को रोकना है। आप न्यूज़ यहाँ देख सकते है (Press Information Bureau)
जानिये वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 — प्रमुख बातें
वक्फ बोर्ड में संसोधन की सूची जो नीचे दी गयी है उस में वे प्रमुख प्रावधान हैं, जिनके तहत पुराने कानून में बदलाव किए गए हैं या नए प्रावधान जोड़े गए हैं: पुराने कानून जानने के लिए पढ़े (Wikipedia)
- परिभाषाओं में बदलाव
- “वक्फ” की परिभाषा स्पष्ट होना चाहिए कि वह व्यक्ति जिसे संपत्ति दान करता है (दाता), वह संपत्ति का मालिक होना चाहिए। (Wikipedia)
- “वक्फ-उज़ेर” (waqf by user) जैसे प्रावधान को हटाया गया है, यानी सिर्फ उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ की मान्यता नहीं होगी। (Wikipedia)
- “वक्फ-अल-ओइलाद” (waqf-alal-aulad), यानी उत्तराधिकारी की अनुपस्थिति में दाता की वंश परंपराएँ समाप्त होने पर वक्फ संपत्ति हो सके, पर यह सुनिश्चित किया गया है कि इससे महिलाओं सहित वारिसों के अधिकारों का नुकसान न हो। (Wikipedia)
- घोषणा करने वाले की शर्त
- सरकारी संपत्तियों का प्रावधान
- वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण
- वक्फ बोर्डों एवं केंद्रीय वक्फ परिषद का पुनर्गठन
- केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Council – CWC):
- राज्य वक्फ बोर्ड (State Waqf Boards):
- बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे। (Wikipedia)
- सुन्नी, शिया और मुस्लिम पिछड़े वर्गों से कम-से-कम एक-एक सदस्य होना चाहिए। (Wikipedia)
- अगर बोहरा और आगाखानी समुदायों की वक्फ़ संपत्तियों/आय की हिस्सेदारी पर्याप्त हो, तो उनके लिए अलग प्रतिनिधित्व होगा। (Wikipedia)
- बोर्ड में महिला सदस्यों की संख्या बढ़ाना — कम-से-कम दो मुस्लिम महिला सदस्य। (Wikipedia)
- वक्फ ट्रिब्यूनलों का प्रावधान
- वक्फ मामलों के लिए विशेष ट्रिब्यूनल होंगे जो विवादों का निर्णय करेंगे। (Wikipedia)
- ट्रिब्यूनल का अध्यक्ष एक न्यायालयिक अधिकारी (जिला, सिविल या सेशन जज-समकक्ष) होगा। (Wikipedia)
- अन्य सदस्यों में मुस्लिम कानून और न्यायशास्त्र का ज्ञान रखने वाला व्यक्ति शामिल होगा, और एक अधिकारी। (Wikipedia)
- ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की अनुमति होगी। (Wikipedia)
- पारदर्शिता और उत्तरदायित्व
- वक्फ संपत्तियों की पंजीकरण, लेखा-जोखा (accounts), ऑडिट आदि का प्रावधान है। केंद्रीय सरकार के पास नियम बनाने का अधिकार होगा कि कैसे ये प्रक्रिया हों। (Wikipedia)
- राजस्व रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों का अद्यतन, डिजिटल माध्यमों से सूचना उपलब्ध कराना जैसे कदम। (Press Information Bureau)
- न्यायिक हस्तक्षेप और विवाद समाधान
- और अन्य प्रावधान
- संपत्तियों पर अतिक्रमण (encroachment) से संबंधित मामलों में वक्फ बोर्ड को अधिक शक्तियाँ मिलेंगी, और सरकारी अधिकारियों को भी अधिकार होंगे कि वे स्वामित्व निर्धारण आदि में हस्तक्षेप कर सकें। (Wikipedia)
- यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी प्रावधान दाता के वारिसों, विशेष रूप से महिलाओं, के विरासत अधिकारों को प्रभावित न करे। (Wikipedia)
विवाद और आलोचनाएँ
इस अधिनियम को लेकर कुछ चिंताएँ और विवाद भी उत्पन्न हुए हैं, जिनमें:
- कुछ लोग कहते हैं कि पांच वर्षों का इस्लाम पालन का प्रावधान धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप है। (Jagranjosh.com)
- “वक्फ़ by user” को समाप्त करना उन लोगों के लिए मुश्किल कर सकता है जो लंबे समय से उपयोग करते आ रहे हैं लेकिन दस्तावेज नहीं रखते। (Wikipedia)
- बोर्डों और परिषदों में सरकार के हस्तक्षेप को बढ़ने की आशंका है। (Jagranjosh.com)
- वक्फ़ संपत्तियों की समीक्षा, सर्वेक्षण, स्वामित्व निर्धारण आदि प्रक्रिया कितना निष्पक्ष और पारदर्शी होगी, इस पर शंका है। (Press Information Bureau)
अगर आप पहले के नियम पढ़ेंगे तो आपको खुद लगेगा की आप किसी मुग़ल कालीन सल्तनत की बाते सुन रहे है या पढ़ रहे है या किसी गहन घोर मुल्सिम राष्ट की कहानी सुन रहे है जिसमे संविधान और संवैधानिक संस्थाए मूक दर्शक बनी बैठी रहेगी और कोई भी आपको आपकी संपत्ति से बेघर कर देगा इसीलिए वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 का मकसद वक्फ़ संपत्तियों को बेहतर प्रबंधन देना, पारदर्शिता लाना, जवाबदेही सुनिश्चित करना और दुरुपयोग रोकना है। इसके तहत पुराने कानून के कई प्रावधानों को संशोधित किया गया है और कुछ नए शर्तें लगाई गयी हैं जैसे कि “पाँच साल इस्लाम का पालन”, वारिसों के अधिकारों की रक्षा, गैर-मुस्लिम और महिला प्रतिनिधित्व, सरकारी संपत्तियों का स्पष्ट स्वामित्व निर्धारण आदि। लेकिन आलोचनाएँ भी हैं कि यह कानून धार्मिक फैसलों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों में हस्तक्षेप कर सकता है या कुछ पुराने उपयोगकर्ताओं को प्रभावित कर सकता है।


































