बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने जारी किया फतवा
दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार विजय थलापति इन दिनों विवादों में घिर गए हैं। उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया है। इस फतवे ने सिनेमा जगत से लेकर सामाजिक और धार्मिक हलकों में नई बहस को जन्म दे दिया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने जारी किया फतवा
इस फतवे को ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिज़वी ने जारी किया है। मौलाना ने प्रेस को संबोधित करते हुए विजय थलापति पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विजय का व्यवहार और वक्तव्य मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं और उनके मुस्लिम प्रेम की बातें सिर्फ एक दिखावा हैं।
विजय थलापति को बताया मुस्लिम विरोधी
मौलाना शहाबुद्दीन ने विजय थलापति को सीधे तौर पर “मुस्लिम विरोधी” करार दिया। उन्होंने कहा कि विजय की कुछ फिल्मों और बयानों में इस्लाम और मुसलमानों के प्रति अपमानजनक भाषा और रवैया देखा गया है, जिसे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उनके अनुसार, यह न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि समाज में सांप्रदायिक तनाव को भी बढ़ावा देता है।
मुसलमानों को दी दूरी बनाने की सलाह
फतवे में मौलाना ने देश भर के मुसलमानों से अपील की है कि वे विजय थलापति से दूरी बनाएं और उनकी फिल्मों का बहिष्कार करें। उनका कहना है कि मुसलमानों को ऐसे कलाकारों का समर्थन नहीं करना चाहिए, जो खुले या छुपे तौर पर समुदाय के खिलाफ काम कर रहे हों।
उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम युवाओं को चाहिए कि वे ऐसे कलाकारों को रोल मॉडल न मानें, जो पर्दे पर दिखावे का सहारा लेकर लोगों की भावनाओं से खेलते हैं।
“विजय का मुस्लिम प्रेम सिर्फ दिखावा” — मौलाना शहाबुद्दीन
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि विजय थलापति का तथाकथित मुस्लिम प्रेम महज एक राजनीतिक और व्यावसायिक रणनीति है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब फिल्मों को प्रमोट करना होता है या राजनीतिक लाभ उठाना होता है, तब विजय मुस्लिम प्रतीकों और भावनाओं का उपयोग करते हैं। लेकिन वास्तव में वे न तो इस्लामिक मूल्यों को समझते हैं और न ही उनका सम्मान करते हैं।
सामाजिक मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस फतवे के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का सैलाब आ गया है। कुछ लोग मौलाना के बयान का समर्थन कर रहे हैं और विजय के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, तो कुछ इसे सस्ती लोकप्रियता की राजनीति करार दे रहे हैं।
विजय थलापति के समर्थकों का कहना है कि यह फतवा बेबुनियाद है और अभिनेता हमेशा से सभी धर्मों का सम्मान करते आए हैं।
फिल्म जगत में भी हलचल
यह मामला फिल्म इंडस्ट्री में भी चर्चा का विषय बन गया है। कुछ फिल्मी हस्तियों ने इस फतवे पर चुप्पी साधी हुई है, जबकि कुछ ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है।
अब विजय थलापति की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब सबकी निगाहें विजय थलापति पर टिकी हैं कि वे इस पूरे प्रकरण पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या वे इस मुद्दे पर सफाई देंगे या चुप्पी साधे रहेंगे?
फिलहाल यह कहना कठिन है कि इस फतवे का उनके करियर पर क्या असर पड़ेगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि विवाद ने एक बार फिर धर्म और सिनेमा के रिश्ते पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


































