वैसे ये पढ़कर आपको जरूर अजीव लगेगा, लेकिन किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का सुद्रण होना उस देश में पैसे का चलायमान होना होता है, जैसे अगर कोई व्यक्ति करोडो रूपये अपने घर में रख कर बैठ जायेगा तो उस रूपये का कोई फायदा नहीं है लेकिन अगर वही रुपया मार्किट में लगेगा को रोजगार और निर्माण कार्य तेजी पकड़ेगा, यानि अगर बैंक या इन्शुरन्स या अन्य किसी भी प्रकार से धन को रोटेशन में लाएंगे तो अर्थव्यवस्था मजबूत होगी ही।
अब हम आपको बिंदुवार कुछ तथ्य बताते है जिससे आपको भी लगेगा की ये सब काम शायद नहीं होते अगर चोर का भी भय नहीं होता, आखिर चोर इतना महत्वूर्ण होते हुए भी क्यों जिल्लत की जिन्दी जी रहा है, तो आईये जाने चोर का महत्त्व देश में
- मै एकबार फिर से दोहराता हूँ की “चोर देश की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ है।”
- आज पढ़कर आप लोगो को ये मजाक या गलत लग सकता है लेकिन यह वाकई ध्यान देने लायक विषय है।
- क्युकी अगर चोर नहीं होते तो तिजोरियाँ, अलमारियाँ और ताले भी नहीं होते, चोर है तो ये सब जरुरी हैं, यानि की इनको बनाने वालो को रोजगार मिलेगा और पगार मिलेगी, जिससे पैसे का रोटेशन होगा ।
- अब चोरों की वजह से घरों की खिड़कियों पर ग्रिल लगी होती हैं, दरवाजे लगे होते हैं, दरवाजे बंद होते हैं, इतना ही नहीं बल्कि बाहर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त दरवाजे भी होते हैं तो फिर से बात वही आयी की ये सब बनाने वाले लोगो कोम्पनिओ और सुधारने वाले लोगो को रोजगार मिलेगा।
- ये चोरों के कारण मकानों, दुकानों और सोसायटी के चारों ओर एक परिसर बनाया जाता है, गेट होता है, गेट पर चौकीदार 24 घंटे रहता है और चौकीदार के लिए एक वर्दी भी होती है, यानि की सबको रोजगार मिल रहा है ।
- अब हाई टेक् चोरों की वजह से न सिर्फ सीसी टीवी, मेटल डिटेक्टर बल्कि साइबर सेल भी होते हैं यानि इनको भी रोजगार मिल रहा है ।
- एक विभाग तो चोरों के कारण ही है और वो है पुलिस है, पुलिस चौकी है, पुलिस थाने हैं, गश्ती गाड़ियाँ हैं, डंडे हैं, राइफलें हैं, रिवाल्वर हैं और गोलियाँ भी हैं, यानि यहाँ भी रोजगार और पगार ।
- साथ साथ बताते चले की चोरों के कारण ही अदालतें हैं, अदालतों में जज, वकील, क्लर्क और जमानतदार हैं यानि यहाँ भी धन चलता रहेगा ।
और तो और चोरों के कारण जेलें हैं, जेलर हैं, जेलों के लिए पुलिस भी है। - अब टेक्नोलॉजी का जमाना है मोबाइल, लैपटॉप, कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, साइकिल, वाहन जैसी कई उपयोग में आने वाली चीजें चोरी हो जाती हैं तो लोग नई खरीद लेते हैं, इस खरीद फरोख्त से देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है, साथ ही चोर चोरी के सामान को कम दाम पर बेंच कर सबका काम चला देते है, यहाँ भी मानवता खोजी जा सकती है ।
- अब तो मीडिया कभी जमाना है तो अगर कोई उच्च मान्यता प्राप्त और नाम वाला चोर होता है तो देश विदेश की मीडिया की भी रोजी रोटी चलती है और विज्ञापन भी मिलता है ।
- और तो और कुछ बाजार भी चोर बाजार के नाम से प्रसिद्द है, जहाँ देश भर के चोर अपना म्हणत से चुराया सामान इकठ्ठा करते है सिर्फ आपके लिए
आप ऐसा मत सोचिये की हम चाहते है की लोगो के घर में चोरिया हो, लेकिन सच बताना ये सब पढ़ने के बाद अब आपको भी यकीन हो गया होगा कि चोर ही सारे सरकारी सिस्टम की रीढ़ हैं और समाज के लोगों की रोजी रोटी का साधन भी है।