उत्तर प्रदेश के वाराणसी मे चार क्रूज का संचालन हो रहा है। अलकनंदा क्रूज से भी बड़ा डबल डेकर बजड़ा श्रीविश्वनाथम बनाया गया है। यह बजड़ा वोकल फॉर लोकल और मेड इंडिया की मिसाल है। ये बजड़ा लंबाई में अलकनंदा क्रूज से पांच फीट बड़ा है।पर्यटकों को अब काशी के घाटों की सैर बनारस में ही बना डबल डेकर बजड़ा श्रीविश्वनाथम कराएगा। यह बजड़ा वोकल फॉर लोकल और मेड इंडिया की मिसाल है। अस्सी घाट पर स्वदेशी तकनीक पर इस बजड़े को तीन महीने में तैयार किया गया है। ये बजड़ा लंबाई में अलकनंदा क्रूज से पांच फीट बड़ा है। 120 यात्रियों क्षमता वाले इस बजड़े के निर्माण पर 80 लाख रुपये खर्च हुए हैं।देवाधिदेव महादेव की नगर काशी आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के साथ गंगा घाटों की छटा भी निहारते हैं। घाटों का भ्रमण करने के लिए लोग नावों के अलावा बजड़े और क्रूज की सवारी पसंद करते हैं। वर्तमान समय में काशी में चार क्रूज का संचालन हो रहा है। पूरी तरह से वातानुकूलित ‘श्रीविश्वनाथम’ श्रीविश्वनाथम के प्रबंधन से जुड़े अजय साहनी ने बताया कि अलकनंदा क्रूज की तर्ज पर ही उन्होंने श्रीविश्वनाथम का निर्माण कराया है। अलकनंदा क्रूज की लंबाई 75 फीट है जबकि श्रीविश्वनाथम की लंबाई 80 फीट और चौड़ाई 20 फीट है। बजड़ा पूरी तरह से वातानुकूलित है। इसमें दो इंजन लगाए गए हैं। एक इंजन सीएनजी जबकि दूसरा पेट्रोल से चलेगा। बाबा विश्वनाथ का लिया आशीर्वाद अजय साहनी ने बताया कि बजड़े का संचालन सुबह और शाम दो ट्रिप में होगा। शाम की सैर पांच बजे शुरू होगी। इसका किराया 550 रुपये तय किया गया है। सुबह सुबह-ए-बनारस और गंगा आरती के बाद बजड़े का संचालन होगा। इसका 450 रुपये तय है। जबकि 54 हजार में पांच घंटे की बुकिंग होगी। बुकिंग के लिए वेबसाइट भी तैयार कराई जा रही है। पर्यटक ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग करा सकते हैं। 150 लोग ‘श्रीविश्वनाथम’ को हिला तक नहीं सके सोमवार को बजड़े को गंगा में उतारने के लिए 150 लोगों ने जोर आजमाइश की लेकिन उसे हिला नहीं सके। इसके बाद चार जेसीबी मंगाकर उसे गंगा में उतारा गया। अब इसमें एयरकंडीशन फिट करने का काम कराया जाएगा।