उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एटीएस ने आतंकी संगठनों से जुड़े रिजवान खान नाम के जिस आतंकी को बिहार प्रांत से गिरफ्तार किया है। वह उन्नाव के एक स्लाटर हाउस में दो महीने काम कर चुका है। वह प्राईवेट राजपूत सिक्योरिटी एजेंसी के माध्यम से यहां आया था। इसके बाद में एजेंसी ने उसे बिहार प्रांत भेज दिया था।उसके आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने की जानकारी से फैक्टरी कर्मी भी हैरान हैं। यूपी एटीएस ने बिहार प्रांत के स्लाटर हाउस से जिस रिजवान खान नाम के आतंकी को गिरफ्तार किया है वह इसी साल वर्ष 2023 में फरवरी और मार्च में दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र स्थित इंडाग्रो फूड्स में भी काम कर चुका है।फैक्टरी ने जिस राजपूत सिक्योरिटी एजेंसी के माध्यम से बीस सुरक्षा कर्मी लिए थे उनमें रिजवान भी शामिल था। हालांकि दो महीने बाद ही एजेंसी ने उसे यहां से हटाकर बिहार भेज दिया था। रविवार को उसकी गिरफ्तारी की जानकारी होने पर साथ काम कर चुके फैक्टरी के कर्मचारी हैरान हैं।कर्मचारियों ने बताया कि वह काफी शांत रहता था और खाली समय होने पर मोबाइल पर ही व्यस्त रहता था। वह कभी-कभी काफी गुस्से में भी दिखता था, लेकिन इसकी वजह कभी किसी को नहीं बताई। हमें विश्वास नहीं हो रहा कि सीधा-सादा दिखने वाला इंसान इतने खतरनाक मंसूबों वाला भी हो सकता है।वहीं, फैक्टरी प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि कंपनी, सुरक्षा कर्मियों और श्रमिकों को निजी एजेंसी के माध्यम से एक निश्चित समय के अनुबंध पर लेती है। पकड़ा गया संदिग्ध फैक्टरी का कर्मचारी नहीं था। सीओ सिटी आशुतोष कुमार ने बताया कि अभी तक एटीएस ने कोई जानकारी साझा की है।ना ही इसकी लिखित जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि फैक्टरियों में काम करने वाले श्रमिकों का स्थानीय थाना पुलिस के माध्यम से सत्यापन कराया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की किसी को भी किराए पर रखने से पहले स्थानीय थाना या कोतवाली को सूचना जरूर दें और सत्यापन होने के बाद ही किराए पर रखें। यह पहला मौका नहीं है, जब किसी आतंकी के साथ उन्नाव का नाम जुड़ा है। इससे पहले भी कई बार आतंकी और रोहिंग्या यहां अपनी पहचान छिपाकर शरण ले चुके हैं। हालत यह है कि शहर और औद्योगिक क्षेत्रों में एसटीएफ और एनआईए पूर्व में कई ऐसे लोगों को भी दबोच चुकी है। राजधानी लखनऊ और महानगर कानपुर के बीच बसे उन्नाव में छिपने के लिए कई सुरक्षित ठिकाने होने से आतंकियों के लिए भी पनाहगाह साबित हो चुका है। मार्च 2017 में भोपाल में ट्रेन में विस्फोट के बाद एटीएस ने लखनऊ के ठाकुरगंज में जिस आतंकी सैफुल्ला को एनकाउंटर में मारा था। वह किला और स्टेशन रोड स्थित मस्जिद में जायरीन बनकर महीनों रुका था। एनआईए (नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी) कानपुर के गौस मोहम्मद और फैसल को गिरफ्तार किया पुलिस मामले की जांच कर रही हे