उत्तर प्रदेश के मथुरा रिफाइनरी में 5000 किलोलीटर क्षमता के पेट्रोल के दो स्टोरेज टैंक, बायो डीजल के 600 किलोलीटर वाले बनेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन की याचिका पर मथुरा रिफाइनरी की स्टोरेज क्षमता बढ़ाने की अनुमति दे दी है। पेट्रोल और बायो डीजल को स्टोर करने के लिए चार स्टोरेज टैंक निर्माण करने की अनुमति मांगी गई थी। इसमें दो स्टोरेज टैंक 5000 किलोलीटर क्षमता के पेट्रोल वाले होंगे, जबकि दो टैंक बायो डीजल स्टोर करने के लिए 600 किलोलीटर क्षमता के बनाए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन की याचिका संख्या 44186 और 44192/2020 में चार टैंक बनाने के लिए अनुमति दी है। हालांकि इसके लिए सभी पर्यावरण मंजूरियां लेनी होंगी। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी से भी मंजूरी और एनओसी लेनी होंगी। सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी ने राष्ट्रीय हित में चार टैंक बनाने पर सहमति दी है। रूई की मंडी रेलवे पुल के लिए मिली पेड़ काटने की मंजूरी सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश स्टेट ब्रिज काॅरपोरेशन की याचिका पर रूई की मंडी अर्जुन नगर से सदर तहसील रोड तक बनने वाले रेल ओवरब्रिज के लिए 12 हरे पेड़ काटने की मंजूरी दे दी है। यह पुल दिल्ली आगरा एलिवेटेड रेल सेक्शन के ऊपर से होकर तहसील सदर तक बनाया जाएगा। दो साल पहले इसकी घोषणा हो गई, पर पेड़ों के कारण इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया था। मथुरा जंक्शन से वृंदावन के लिए रेलवे लाइन के निर्माण में 441 पेड़ाें को काटने की उत्तर मध्य रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर कोर्ट ने सेंट्रल एंपवार्ड कमेटी से चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। उत्तर मध्य रेलवे ने 441 पेड़ काटने की जगह दस गुना 4410 पेड़ लगाने का प्रस्ताव दिया है, जिन्हें रेलवे की भूमि पर लगाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में गेल गैस लिमिटेड ने अलीगढ़ के कुरसंडा और आगरा के बीच सीएनजी स्टेशन बनाने के लिए 416 पेड़ काटने की अनुमति मांगी है। एमसी मेहता की दो याचिकाओं में सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी से रिपोर्ट मांगी गई है।