उत्तर प्रदेश के झांसी के वार्ड 53 की सामान्य सीट होने पर इस बार दो बार के पार्षद लखन कुशवाहा का टिकट काटकर विशाल दीक्षित को प्रत्याशी बनाया। लखन ने पार्टी से बगावत करके निर्दलीय ही नामांकन कर दिया और लखन कुशवाहा जीत गए। हार के बाद बीजेपी प्रत्याशी के नाम से सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हुई है। इसमें लिखा है कि मुझे अपनों ने ही हरा दिया। मुझे अपनों ने ही हरा दिया। टिकट दिया क्यों, जब हराना ही था। भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित माने जाने वाले वार्ड 53 से बीजेपी प्रत्याशी के नाम से ये पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली गई, जिसमें चुनाव हारने के बाद एक तरफ प्रत्याशी का दर्द झलका। दूसरी तरफ, भितरघात करने का भी जिक्र है। वहीं, ललितपुर की पाली नगर पंचायत के भाजपा प्रत्याशी ने कार्यकर्ताओं की गद्दारी से चुनाव हारने की बात कही है।भाजपा ने वार्ड 53 की सामान्य सीट होने पर इस बार दो बार के पार्षद लखन कुशवाहा का टिकट काटकर विशाल दीक्षित को प्रत्याशी बनाया था। टिकट कटने के बाद लखन ने पार्टी से बगावत करके निर्दलीय ही नामांकन कर दिया। 13 मई को जब चुनाव परिणाम आया तो विशाल 130 वोटों से लखन कुशवाहा से हार गए। हार के बाद बीजेपी प्रत्याशी के नाम से सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हुई है। इसमें लिखा है कि मुझे अपनों ने ही हरा दिया। टिकट दिया क्यों, जब हराना ही था। वहीं, विशाल का कहना है कि उनके नाम से सोशल मीडिया पर 11 आईडी बनी हुई हैं। उन्होंने ये पोस्ट नहीं लिखी, बल्कि उनके किसी समर्थक ने ये पोस्ट डाली है। हालांकि, उन्होंने साफ कहा कि वार्ड के पूर्व मंडल अध्यक्ष, पूर्व वार्ड अध्यक्ष चुनाव जीतने वाले निर्दलीय प्रत्याशी के प्रस्तावक बन गए। इसके अलावा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक चुने गए वरिष्ठ नेता ने भी निर्दलीय प्रत्याशी को सपोर्ट किया। वार्ड का संगठन उनके विरोध में था, इसके बावजूद वह 1300 से ज्यादा वोट पाने में कामयाब रहे। भितरघात करने वालों की पूरी रिपोर्ट उन्होंने महानगर अध्यक्ष मुकेश मिश्रा को दी है।वहीं, पाली नगर पंचायत से बीजेपी प्रत्याशी रहे कमलेश कुमार चौरसिया ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी पोस्ट डाल दी, जिससे पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी में विवाद छिड़ गया। कमलेश निर्दलीय प्रत्याशी मनीष तिवारी से 253 मतों से चुनाव हार गए हैं। इसको लेकर उन्होंने काफी नाराजगी जताई। उन्होंने अपने ही भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को धोखेबाज और दोगला कहा। कमलेश चौरसिया का कहना है कि भाजपा मंडल अध्यक्ष के अलावा किसी ने उनका साथ नहीं दिया। इस कारण वह चुनाव हार गए हैं। इस संबंध में जिला प्रभारी अनिल यादव व जिलाध्यक्ष राजकुमार जैन को भी अवगत करा दिया है। 253 वोट से पीछे होने पर पुन: मतगणना कराने के लिए राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ और पदाधिकारियों से कहा था, लेकिन सभी ने उनकी बात टाल दी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। ललितपुर के भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार जैन का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी कमलेश चौरसिया का पत्र मिला है। चुनाव परिणामों को लेकर पार्टी की समीक्षा बैठक में इस पर चर्चा होगी। आरोप सही पाए गए तो संबंधित को पार्टी से निष्कासित किया जाएगा।