उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पीलीभीत बाईपास पर संचालित पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट का भंडाफोड़ हुआ है। रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने इंस्टीट्यूट सील कर संचालक विनोद यादव और प्रिंसिपल जगदीश चंद्रा को गिरफ्तार कर लिया है। फर्जी कॉलेज के संचालन की जानकारी होने पर विद्यार्थियों ने हंगामा किया। सीएमओ डॉ. बलवीर सिंह के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देश पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को बन्नूवाल कॉलोनी स्थित इंडियन पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट पर छापा मारा। पुलिस ने मौके से फर्जी संबद्धता प्रमाणपत्र, 12 एडमिट कार्ड, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल कब्जे में ले लिए। संचालक मेगा सिटी निवासी विनोद यादव, मूलरूप से उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर आदर्श कॉलाेनी निवासी प्रिंसिपल जगदीश चंद्रा (हाल मुकाम प्रेमनगर) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
गुरुवार दोपहर कॉलेज पहुंची टीम ने विद्यार्थियों को बाहर निकालकर दस्तावेज खंगाले। दो घंटे तक चली जांच के बाद आराेपियों को हिरासत में लेकर अफसर इंस्टीट्यूट में ताला लगाकर रवाना हो गए। विद्यार्थियों को इंस्टीट्यूट के फर्जीवाड़े का पता चला तो वे आक्रोशित हो गए। उन्होंने संचालक के खिलाफ नारेबाजी की। अब तक जमा की गई फीस वापस कराने की मांग की है। पुलिस के मुताबिक आरोपी विनोद यादव और जगदीश चंद्रा ने अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा रखा था। लिहाजा, जो विद्यार्थी प्रवेश के लिए संपर्क करते, झांसे में आ जाते। विद्यार्थियों के मुताबिक सोशल मीडिया पर विनोद ने फर्जी अकाउंट बना लिए हैं पुलिस मामले की छानबीन कर रही हे मामले की जांच होगी