उत्तर प्रदेश के लखनऊ अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) पुर्नपरीक्षा में 99 मुन्ना भाई पकड़े गए। जो आवेदक अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़े गए। वहीं एसटीएफ ने भी इसके अतिरिक्त प्रदेश में विभिन्न केंद्रों पर 14 सॉल्वर पकड़े हैं। आयोग की तरफ से प्रदेश के 20 जिलों में 737 केंद्रों पर वीडीओ परीक्षा का आयोजन दो दिन सोमवार व मंगलवार को किया जा रहा है। इसमें 1953 पदों के सापेक्ष लगभग 14 लाख अभ्यर्थी आवेदक थे। परीक्षा को लेकर आयोग की ओर से काफी अत्याधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया गया है। परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों की फेस अटेंडेंस करवाई गई। इसमें फोटो से कुछ संदिग्ध लोग मिले। इनके आवेदन फार्म से फोटो मिलान की गई और उनका आधार वेरीफिकेशन भी कराया गया। इसमें प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर एक के स्थान पर परीक्षा देते 99 दूसरे लोगों को पकड़ा गया। आयोग की ओर से आजमगढ़ में दो, आगरा में चार, अलीगढ़ में 11, अयोध्या में एक, बांदा में पांच, बरेली में चार, बस्ती में एक, गौतम बुद्ध नगर में तीन, गाजियाबाद में 14, गोंडा में एक, गोरखपुर में पांच, झांसी में एक, कानपुर नगर में 14, लखनऊ में 13, मेरठ में तीन, मिर्जापुर में चार, मुरादाबाद में दो, प्रयागराज में दो और वाराणसी में नौ कुल 99 लोग परीक्षा में सेंध लगाने के प्रयास में पकड़े गए। आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने बताया कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ विधिक कार्यवाही की गई है। वहीं एसटीएफ व जिला पुलिस की ओर से भी परीक्षा पर निगरानी रखी गई। इसी के साथ आयोग में बने केंद्रीकृत निगरानी सेल से पूरे प्रदेश के परीक्षा केंद्रों की लाइव सीसीटीवी से निगरानी की गई। इसमें किसी तरह की संदिग्ध स्थिति मिलने पर सीधे फोन से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था मंगलवार को भी परीक्षा में जारी रहेगी। वीडीओ परीक्षा में पहले दिन मात्र 36 फीसदी ही उपस्थित रही। आयोग के अनुसार सुबह की पाली में रजिस्टर्ड 713586 में से 254302 अभ्यर्थी उपस्थित व 459284 अनुपस्थित रहे। कुल उपस्थिति मात्र 36 फीसदी रही है। बता दें कि वीडीओ के 1953 पदों का विज्ञापन 2018 में किया गया था। 2019 में इसकी परीक्षा आयोजित की गई लेकिन गड़बड़ी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। इसके बाद अब 2023 में पुर्नपरीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही हे