मैनपुरी समाचार उत्तर प्रदेश के मैनपुरी मे सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी को अपना गढ़ बनाने के लिए एक ऐसा चक्रव्यूह रचा जो आज तक भाजपा नहीं तोड़ सकी। मैनपुरी सीट में इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा को शामिल कराकर उन्होंने पूरी बाजी ही पलट दी। अब भाजपा को ऐसे अभिमन्यु की तलाश है जो इस चक्रव्यूह के पांचवें द्वार यानी जसवंतनगर को भी भेद सके। मैनपुरी जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही इटावा का जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र भी मैनपुरी लोकसभा सीट का ही हिस्सा है। मैनपुरी लोकसभा जीतने के लिए सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने ही जसवंतनगर के रूप में ये पांचवां द्वार रचा था। बस इसी द्वार पर हर बार भाजपा को करारी हार झेलनी पड़ी।
भाजपा ने ब्राह्मण, ठाकुर, शाक्य, यादव समेत अन्य कई जातियों के प्रत्याशियों को इस द्वार को भेदने के लिए मैदान में उतारा, लेकिन सभी को हार ही नसीब हुई। ऐसे में भाजपा इस बार भी ऐसे अभिमन्यु की तलाश में है जो जसवंतनगर के इस मजबूत द्वारा ध्वस्त कर दे। यही कारण है कि सवा महीने बाद भी सपा से डिंपल यादव अकेले ही मैदान में हैं। भाजपा ने अब तक किसी को भी इस सियासी रण में मैनपुरी से नहीं उतारा है। जसवंतनगर सीट पर नेताजी और सैफई परिवार का ही जादू दशकों से चलता आ रहा है। इसी सीट से मुलायम सिंह यादव खुद विधायक बने और बाद में उन्होंने ये सीट अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव को सौंप दी। वर्तमान में भी वही यहां से विधायक हैं।
ऐसे में यादव प्रत्याशी का दाव भी भाजपा के यहां किसी काम नहीं आता है। भाजपा जिलाध्यक्ष राहुल चतुर्वेदी ने बताया कि मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र की चारों विधानसभा सीटों के साथ ही हम जसवंतनगर सीट भी इस पर जीतकर आएंगे। प्रत्याशी चाहे जो भी हो जनता भाजपा के विकास और नीतियों पर वोट करेगी। सपा जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य ने बताया कि नेताजी ने मैनपुरी और इटावा क्षेत्र के साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश का विकास कराया। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुहिम को आगे बढ़ाया। जनता चुनाव में सपा को जिताकर अपना जवाब देगी।