उत्तर प्रदेश के कानपुर के रायपुरवा में दवा व्यवसायी और भाजपा पार्षद के पति व समर्थकों के बीच हुई मारपीट के मामले में बुधवार रात पुलिस कमिश्नर कार्यालय में जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के गुट के समर्थकों ने पुलिस कमिश्नर का घेराव कर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस पर सपा के दबाव में जल्दबाजी में एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। चेतावनी दी कि अगर अंकित शुक्ला को जेल भेजने की कोशिश की गई, तो उसके साथ दस हजार कार्यकर्ता गिरफ्तारी देंगे।महाना गुट के इन आरोपों के जवाब में पुलिस कमिश्नर ने निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अब तक लुके-छुपे अंदाज में पार्षद पति व भाजपा नेता अंकित शुक्ला का समर्थन कर रहे सतीश महाना के गुट ने पहली बार खुलकर पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोला। अंकित शुक्ला समेत पांच आरोपियों पर एफआईआर के साथ इनाम घोषित होने के बाद भड़के समर्थकों ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय का घेराव कर जमकर हंगामा काटा। उन्होंने पुलिस कमिश्नर डॉ. आर के स्वर्णकार से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की।इस दौरान उनकी पुलिस कमिश्नर से तीखी नोकझोंक भी हुई। उधर, प्रदर्शनकारियों की बाहर पुलिस से हुई नोकझोंक में एक महिला कार्यकर्ता बेहोश भी हो गई। पार्षद पति के पक्ष में विधानसभा अध्यक्ष के निजी सचिव राकेश तिवारी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग पुलिस ऑफिस पहुंच गए। इस दौरान बवाल और हंगामे की आशंका पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। उन्होंने पुलिस पर समाजवादी पार्टी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। गुट के समर्थक तमाम सबूतों और वीडियो के साथ हाथों में तख्तियां लेकर पहुंचे।पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा नेता राकेश तिवारी ने पार्षद पति समेत अन्य पर इनाम घोषित करने पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा किया कि क्या पार्षद परिवार अपराधी है या उसके खिलाफ कई मुकदमे हैं, जो इनाम घोषित किया गया है? यह भी कहा कि यदि किसी के सामने उसकी पत्नी से अभद्रता होगी तो मारपीट होगी और उसमें संभव है कि कोई पक्ष ज्यादा तो कोई कम मार खाए। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निष्पक्ष कार्रवाई की बात करते हैं और यहां उनकी ही पार्टी के नेताओं को जबरन फंसाने का काम पुलिस कर रही है।महाना समर्थकों के घेराव के बीच पूरा पुलिसिया अमला दबाव में दिखा। अब तक इनाम घोषित कर जल्द गिरफ्तारी का दम भरने वाली कमिश्नरी पुलिस ने निष्पक्ष जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि घटना जिस जगह हुई वहां दो सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। उनकी फुटेज ली जा चुकी है, जिसे जांच में शामिल किया जा रहा है। कांशीराम अस्पताल के अलावा सर गंगाराम अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट के साथ किसी एक्सपर्ट से मेडिकोलीगल ओपीनियन ली जाएगी। साथ ही घटना के वक्त गुजर रहे राहगीरों के भी बयानों को जांच में शामिल किया जा रहा है।एकतरफा कार्रवाई पर रोष व्यक्त कर अपनी मांग रखने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने जब सीपी डॉ. आरके स्वर्णकार के सामने अपनी बात रखनी शुरू की, तो सीपी उनसे उलझ गए। बोले, एविडेंस के आधार पर ही कार्रवाई हो रही है और होगी। इस पर जब नेताओं ने घटना के दो घंटे बाद तक वादी के गायब रहने, घटनास्थल पर उसके घूमने के वीडियो, कानपुर में आंख और होठ पर पट्टी होने और गंगाराम पहुंचते ही कोई पट्टी न होने पर सवाल किया, तो वह उखड़ गए। बोले कि आप बहस करने आए हैं, तो कुछ नहीं कर सकते। इस पर नाराज नेताओं ने कहा कि वह तथ्यों के साथ अपनी बात रखने आए हैं, लेकिन अगर वह बात नहीं सुनेंगे…तो फिर जो भी हमें ठीक लगेगा, हम करेंगे।नेताओं का कहना था कि जब घटना के बाद थाने पर पहले पार्षद सौम्या पहले पहुंची, तो उनकी तहरीर पर केस दर्ज क्यों नहीं किया गया। क्यों दूसरे पक्ष के दो घंटे बाद आने पर उसकी ही शिकायत दर्ज की गई। सीसीटीवी व आम कैमरा फुटेज के अलावा कथित तौर पर गंभीर घायल वादी के खुद चलकर आने और तहरीर देने, मेडिकल कराने और फिर दिल्ली ले जाने की बात पर जांच क्यों नहीं की गई। इस पर सीपी ने कहा कि वह जो भी तथ्य या सबूत दिए जाएंगे, उन्हें जांच में शामिल कर लेंगे लेकिन सौम्या की शिकायत पर अलग से केस दर्ज नहीं करेंगे।नाम वापस लेने के दबाव पर सीपी ने कहा कि जांच में शामिल न होने पर ही यह कार्रवाई की गई है। कहा कि अगर कोई जांच से भागेगा तो उसके खिलाफ कुर्की की भी कार्रवाई की जा सकती है। इससे नाराज कार्यकर्ता बोले, तो फिर एक काम करिये, सबको जेल भेजिए और सबके घर बुलडोजर चलवा दीजिए। नेताओं का कहना था कि जिस पर कभी शांतिभंग का आरोप नहीं लगा, उसे भगोड़ा साबित करने की सपा की साजिश में पुलिस साथ दे रही है। नेताओं ने आखिर में कहा कि अंकित और व्यापारी का जितना दोष है, उन्हें उतनी सजा दी जाए। इसके अलावा किसी पर अनर्गल दबाव या कार्रवाई न की जाए। उन्होंने मेडिकल रिव्यू करने, पुलिस के मेडिकल के लिए साथ न जाने और जांच में एकतरफा कार्रवाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।