मेरठ समाचार उत्तर प्रदेश के मेरठ मे या कही भी बिना घुस के कोई काम नहीं होता हे किसी भी विभाग मे पहले रिश्वत दो फिर काम होता हे नगर निगम में काम के नाम पर वसूली का एक और मामला सामने आया है। एंटी करप्शन टीम ने सोमवार को बाबू दीपक कुमार और अनुचर राहुल कुमार को 1.50 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। 3.96 लाख का गृहरकर 50 हजार रुपये करने के लिए राजस्व निरीक्षक, बाबू और अन्य कर्मचारियों ने मिलकर दो लाख रुपये की रिश्वत की मांग व्यापारी से की थी। ईव्ज चौराहा स्थित व्यापारी सुधांशु महाराज की रत्नों की दुकान है।
वह संयुक्त व्यापार संघ के मीडिया प्रभारी एवं भाजपा नेता भी है। नगर निगम के गृहकर विभाग ने उनकी दुकान का 3.96 लाख रुपये हाउस टैक्स लगाकर नोटिस भेजा था। आरोप है कि एक महीने पहले गृहकर विभाग से राजस्व निरीक्षक अनुपम राणा, बाबू दीपक कुमार सहित आठ कर्मचारी दुकान को सील करने के लिए पहुंचे थे। व्यापारी का कहना है कि हाउस टैक्स कम करने की बात कहकर निगम की टीम ने 50 हजार की रसीद पर डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी थी। जिस पर व्यापारी ने 50 हजार कर्मचारियों को तुरंत दे दिए थे। रिश्वत का पैसा व्यापारी से लगातार मांगा जा रहा था।
व्यापारी ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन विभाग से की तो आरोपियों की गिरफ्तारी का जाल बिछाया गया। सोमवार सुबह 10 बजे से पहले एंटी करप्शन की टीम निगम परिसर में पहुंच गई। सोमवार व्यापारी सुधांशु महाराज भी रिश्वत के 1.50 लाख रुपये लेकर नगर निगम पहुंच गए। व्यापारी ने राजस्व निरीक्षक और बाबू से फोन पर बात की। बाबू ने अनुचर को पैसा लेने के लिए निगम परिसर में ही ऑफिस से भेजा। सुंधाशु ने जैसे ही रिश्वत की रकम अनुचर राहुल को दी उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
राहुल के बताने पर गृहकर विभाग में बैठे बाबू दीपक कुमार को भी टीम ने दबोच लिया, जबकि राजस्व निरीक्षक अनुपम राणा मौके से फरार हो गए। इसके बाद दोनों को पकड़कर टीम देहलीगेट थाने पहुंची और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस मामले की जांच कर रही हे