उत्तर प्रदेश के लखनऊ ईद-उल-अजहा की नमाज के बाद शहर में अल्लाह से मोहब्बत को दुनिया की हर चीज से ऊपर रखने के जज्बे के साथ मुसलमान कुर्बानी करेंगे। बकरीद को लेकर मस्जिदों में व्यवस्थाएं मुकम्मल कर ली गई हैं। कुर्बानी के जज्बे के साथ ईद-उल-अजहा पर बृहस्पतिवार को अल्लाह की बारगाह में लाखों सिर सजदे में झुकेंगे। इसके साथ उस अजीम कुर्बानी को याद करेंगे, जो हजरत इब्राहिम ने अपने रब के हुक्म से पेश की थी। ईद-उल-अजहा की नमाज के बाद शहर में अल्लाह से मोहब्बत को दुनिया की हर चीज से ऊपर रखने के जज्बे के साथ मुसलमान कुर्बानी करेंगे। बकरीद को लेकर मस्जिदों में व्यवस्थाएं मुकम्मल कर ली गई हैं। नमाज के बाद कुर्बानी का दौर शुरू होगा। शहर में ईद-उल-अजहा की सबसे बड़ी जमात ऐशबाग ईदगाह में अदा होगी। इसके इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली सुबह 10 बजे नमाज पढ़ाएंगे। शिया समुदाय की सबसे बड़ी जमात आसिफी मस्जिद में अदा होगी। यहां मौलाना सैयद सरताज हुसैन की इमामत में ईद-उल-अजहा की नमाज सुबह 11 बजे अदा होगी। टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना फजलुल मन्नान रहमानी ईद-उल-अजहा की नमाज अदा कराएंगे। नमाज को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नमाज तय समयानुसार अदा कराई जाएगी। जिला प्रशासन ने मस्जिदों के आस-पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। ईद-उल-अजहा की खरीदारी की रौनक बाजारों में बृहस्पतिवार देर रात तक छाई रही। अमीनाबाद, मौलवीगंज व नक्खास और चौक में कपड़ों के साथ खाने-पीने के सामान की जमकर खरीदारी हुई। नमाज के लिए कुर्ता, टोपी भी खूब बिकी। उधर, बकरा मंडियों में रात भर भीड़ उमड़ती रही। कुर्बानी के लिए दुबग्गा और खदरा में लगे बाजार में करीब 18 करोड़ के बकरे बिक गए। बड़े जानवरों में कुर्बानी के हिस्से के लिए करीब 10 करोड़ का कारोबार हुआ है। उधर, चिकवों ने कुर्बानी के लिए 600 से लेकर 2000 रुपये तक रेट फिक्स कर दिए हैं। ईद उल अजहा की मुबारकबाद के साथ बुधवार को दिन भर खरीदारी का दौर चलता रहा। बाजारों में ईद उल अजहा की रौनक देर रात तक छाई रही। अमीनाबाद, मौलवीगंज व नक्खास बाजारों में लोगों ने खूब खरीददारी की। यहां पर महिलाओं की टोलियां चूड़ियां कंगन खरीद कर सजने संवरने की तैयारियां करती रहीं। वहीं मेहमाननवाजी के इंतजाम को लेकर भी तैयारियां जारी थीं। उधर, कुर्बानी के लिए बकरा मंडियों में रात भर खरीददारों की भीड़ उमड़ती रही। राजधानी में ईद उल अजहा मनाने की तैयारियों में जुटे खरीददार अमीनाबाद, नक्खास, खदरा, डालीगंज, निशातगंज की बाजारों में देर रात तक जमे रहे। चूड़ी कंगन व कपड़ों की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ उमड़ी। खानपान का स्वाद लेने वाले भी देर रात तक ईद-उल-अजहा की रौनक का लुत्फ लेते रहे। बकरीद की तैयारियों को लेकर नक्खास और अकबरी गेट करीब-करीब पूरी रात खुला रहा। यहां चूड़ी कंगन व कपड़ों के साथ नमाज के लिये कुर्ता टोपी की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही। चौक की गलियां देर रात तक ईद-उल-अजहा से रौशन रहीं। वहीं खदरा में भी पूरी रात दुकानों में खरीदारी हुई। ईद-उल-अजहा पर कुर्बानी के लिये दुबग्गा और खदरा में नए पुल के नीचे गोमती नदी के किनारे लगे बकरा बाजार में करीब 18 करोड़ के बकरे बिक गये है। वहीं बड़ें जानवरों में कुर्बानी के हिस्से के लिये करीब 10 करोड़ के पड़वों का कारोबार हुआ है। हालांकि ये आंकड़ा और भी ज्यादा है क्योंकि बड़ी तादात में बकरा व्यापारी अपने बकरे मंडी के बाहर सड़क पर घूम घूम कर भी बेचते है। बाजार में 12 हजार से 35 हजार तक औसत कीमत के बकरो की बिक्री ज्यादा हो रही है। दुबग्गा और खदरा नए पुल के नीचे लगे बकरा बाजार में देर रात तक बकरों की खरीदारी के लिये ग्राहक को आना जाना लगा रहा। दुबग्गा मंडी कमेटी के सदस्य अबरार अहमद बताते हैं कि मंडी में इस बार महंगे बकरों के व्यापारी भी पहुचे है तो वहीं दूसरी ओर लेने वाले शौकीन भी नजर आ रहे है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा बिक्री बकरईद के एक दिन पहले होती है लेकिन शाम को हुई बारिश ने खरीदार कम कर दिये। वो बताते है कि 10 दिनों में करीब मंडी में 3 से 4 हजार के बकरे बिके हैं। वहीं खदरा पुल के नीचे लगी मंडी कमेटी के सदस्य शावेज ने बताया कि यहां पर करीब 3 हजार बकरे बिक चुके है। एक बकरे की औसत कीमत 25 हजार रुपये के हिसाब से दो मंडियों में ही करीब 18 करोड़ का कारोबार हुआ है। वहीं मंडी के बाहर अलग-अलग जगहों पर पशु व्यापारियों की बिक्री को शामिल करने पर यही आंकड़ा 30 से 40 करोड़ तक पहुंच जाएगा। कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन के महासचिव शहाबउददीन कुरैशी ने बताया कि कुर्बानी का हिस्सा लेने के लिये शहर की कई मंडियों में एक अंदाजे के मुताबिक करीब 10 करोड़ के पड़वों की बिक्री भी हुई है। उन्हाेंने बताया कि मंडियों में 14 हजार रूपये लेकर 25 हजार रूपये तक पड़वे मौजूद हैं।