lucknow News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में इस साल का बजट सरकार ने पेश किया हे सरकार ने सभी वर्गों को ध्यान में रखा हे वृदा पेंसन हो या कोई और योजना व् शिक्षा को विशेस रूप से ध्यान में रखा हे शिक्षा को तो बढावा दे रहे हे लेकिन नौकरी देनी नहीं हे फिर क्या फायदा हे राज्य सरकार ने बजट में महिलाओं, पिछड़ों और दलितों की सेहत, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर खास ध्यान देते हुए धनराशि की व्यवस्था की है। महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए 5129 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इसी तरह आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के मानदेय के भुगतान के लिए 971 करोड़ रुपये और कन्या सुमंगला योजना के लिए 700 करोड़ रुपये दिए गये हैं।
राज्य सरकार ने निराश्रित महिला पेंशन योजना में पेंशन की धनराशि 500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रुपये की है। बता दें कि इस योजना में 2023-2024 में तृतीय तिमाही तक 31.28 लाख निराश्रित महिलाओं को लाभांवित किया गया है। इसी तरह वृद्धावस्था पेंशन हेतु 7377 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। पति की मृत्यु उपरांत निराश्रित महिलाओं के भरण पोषण अनुदान के लिए 4073 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत पात्र बालिकाओं को 6 विभिन्न श्रेणियों में कुल 15000 रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 तक 17.82 लाख लाभार्थियों को इस योजना से लाभान्वित किया जा चुका है। वहीं दूसरी ओर महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 200 उत्पादक समूहों का गठन करके तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा। उप्र रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के अन्तर्गत जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को कोष के अन्तर्गत एक लाख रुपये से 10 लाख रुपये की आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था है। प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति व सामान्य वर्ग के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना के लिए 1862 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति तथा सामान्य वर्ग के निर्धन परिवारों की पुत्रियों हेतु 600 करोड़ रुपये दिए गये हैं। पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवाओं को कंप्यूटर शिक्षा के लिए 35 करोड़ रुपये और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के छात्रावासों के निर्माण के लिए 22 करोड़ रुपये दिए है।
अनुसूचित जनजातियों के आर्थिक विकास हेतु विभिन्न प्रकार के कौशल विकास कार्यक्रम लखीमपुर-खीरी, बलरामपुर, बिजनौर, बहराइच, श्रावस्ती तथा महराजगंज में संचालित हो रहे हैं। लघुवन उपजों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत नान टिम्बर लघु वन उपजों को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय हेतु लघुवन उपजों के विपणन, हाट एवं बाजारों के सुदृढ़ीकरण व गोदामों के निर्माण को सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है।
राज्य सरकार ने नई योजनाओं के लिए 15.56 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की है। इसके तहत अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए उप्र वरिष्ठ नागरिक कल्याण निधि में 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इससे वरिष्ठ नागरिक विभिन्न सुरक्षा उपायों एवं कार्यक्रमों के जरिए शांतिपूर्वक, सुरक्षित एवं सम्मानजनक तरीके से जीवनयापन कर सकेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री जनजातीय आवासीय न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत बिजनौर के असेवित क्षेत्रों में आवासीय विद्यालयों के लिए 7.66 करोड़ रुपये दिए गये हैं। बिजनौर में बोक्सा जनजाति के पीएम जनमन योजना के पात्र लाभार्थियों को आवास के निर्माण के लिए 2.90 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।