उत्तर प्रदेश के उन्नाव दही चौकी स्थित चमड़ा फैक्टरी में सोमवार रात करीब दो बजे शार्ट सर्किट से लगी आग 36 घंटे बाद भी पूरी तरह बुझ नहीं हो पाई है। मंगलवार रात और बुधवार को दिन में कई बार मलबे में आग की लपटें निकलीं। अग्निशमन दल की कड़ी मेहनत और बारिश के बाद भी दूसरे दिन बुधवार को धुआं उठता रहा। फैक्टरी मैनेजर के मुताबिक आग लगने की घटना से माल और मशीनों सहित करीब 40 करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि फैक्टरी की फायर एनओसी है। अधिकारियों के मांगने पर दिखाई जाएगी। दही चौकी स्थित एसके इंटरनेशनल लेदर फैक्टरी में सोमवार रात दो बजे कटिंग यूनिट में शार्ट सर्किट से चमड़े के बंडल में आग लग गई थी। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया था। लखनऊ, कानपुर और उन्नाव की 16 दमकल लगाकर करीब 15 घंटे बाद लपटें शांत हो पाई थीं। मंगलवार रात से बुधवार को दोपहर तक करीब 36 घंटे बीतने के बाद भी फैक्टरी के मलबे में कई बार आग भड़की और लगातार धुआं निकलता रहा। अग्निशमन अधिकारियों ने मंगलवार को फैक्टरी में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन न मिलने और फायर एनओसी न दिखा पाने की बात बताई थी। हालांकि फैक्टरी के मैनेजर विनीत वर्मा के मुताबिक फायर एनओसी है। अधिकारी मांगेंगे तो उन्हें दिखाई जाएगी। बताया कि फैक्टरी में घोड़े की काठी व साज, चमड़े के लांग बूट सहित अन्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं। फैक्टरी में 450 श्रमिक कार्यरत हैं। उत्पाद अमेरिका, यूरोप और आस्ट्रेलिया में निर्यात होते हैं। आग से बना-अधबना माल व मशीनरी मिलाकर करीब 20 करोड़ का नुकसान और 20 करोड़ रुपये लागत की बिल्डिंग भी बेकार हो गई। फैक्टरी का बीमा था। बीमा कंपनी का सर्वेयर आएगा तब सही आकलन होगा। फैक्टरी से जुड़े सभी कागज मौजूद हैं। सीओ फायर अनूप सिंह ने बताया कि अभी फैक्टरी प्रबंधन से वार्ता नहीं हो पाई है। गुरुवार को उनसे कागज मांगे जाएंगे। पुलिस मामले की जांच कर रही हे