देहरादून उत्तराखंड में गंभीर बिजली संकट से फिलहाल राहत मिलने के आसार हैं।ऊर्जा मंत्री एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पत्र भेजकर बिजली संकट के मद्देनजर इस कोटे को बढ़ाने की मांग की थी। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस कोटे को बढ़ाने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है लेकिन ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने हस्ताक्षर नहीं किए थे उनके हस्ताक्षर के बाद ही यह तय हो पाएगा कि मांगी गई 300 मेगावाट बिजली कब से कब तक राज्य को मिलेगी।एक मार्च को उपभोक्ताओं को बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि पहले ही बाजार से बिजली खरीद रहे यूपीसीएल के लिए 7.2 मिलियन यूनिट की कमी की भरपाई करना आसान नहीं होगा।राज्य अपने स्तर से गैस आधारित ऊर्जा संयंत्र चला सकते हैं लेकिन इसके लिए केंद्र कोई अलग से सब्सिडी नहीं देगा। ऐसे में काशीपुर के दो गैस आधारित संयंत्रों (एक 214 और दूसरा 107 मेगावाट) के जल्द चलने की संभावना है।यह संयंत्र रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद गैस के दाम बढ़ने की वजह से बंद हो गए थे यही हल सब जगह हे उत्तराखंड हो या उत्तर प्रदेश गर्मी के दिनो मे बिजली संकट होती हे