उत्तराखंड राज्य के देहरादून मे प्रदेश में छह हजार से अधिक गांवों में सड़क नहीं पहुंची है। हालत यह है कि 84 गांवों के लोग आज भी 10-10 किमी पैदल चलने को मजबूर हैं प्रदेश में 5828 गांव आज भी शून्य से पांच किमी तक के फासले पर हैं।आयोग ने प्रदेश के पलायन की जिन प्रमुख समस्याओं को जिम्मेदार माना है, उनमें एक सड़कें भी हैं। अच्छी सड़कों के अभाव में ग्रामीणों को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं से वंचित हे राज्य में 10 किमी से अधिक की दूरी पर 82 गांव, तोक और मजरे मौजूद है। छह से 10 किमी दूरी पर 376 तथा शून्य से पांच किमी दूरी पर 5828 गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं।अलबत्ता विकासनगर, हल्द्वानी, रुद्रपुर और बाजपुर ब्लाॅक में सिर्फ एक-एक गांव सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं भारत एक विकासशील देश होने के वावजूद काही काही बहुत ही पिछड़ापन अभी बाकी हे बच्चे सही से शिक्षा दवाओ खेलकुद आदि से वंचित हे क्योकि उनको शहर जाने या आस पास सुविधा नहीं हे सड़के बिजली यातायात के साधन ही नहीं हे