राजस्थान के सीकर जिले के खाटूश्यामजी में बाबा श्याम के वार्षिक लक्खी फाल्गुन मेले में श्याम भक्तों का लगातार कारवां उमड़ रहा है. रींगस से लेकर खाटूधाम तक श्याम श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. इस दैरान भक्त हाथों में केसरिया निशान और मुख पर श्याम नाम के जयकारे लगाते नाचते-गाते रूह गुलाब उड़ाते रैला बाबा के दरबार की और बढ़ते चले आ रहे हैं. वार्षिक लक्खी मेले में भक्तो का सैलाब उमड़ रहा है. तमाम माकूल इंतजाम हो रहे हैं और हर रोज बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार किया जा रहा है. .
क्यों लगता है वार्षिक लक्खी फाल्गुन मेला
फाल्गुन के महीने में हर साल बाबा श्याम के लक्खी मेले का आयोजन होता है. कहा जाता है कि फाल्गुन मास की द्वादशी को भीम के पोते और घटोत्कच के बेटे बर्बरीक ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर अपना सिर काट कर उनके पैरों में रख दिया था इसलिए यह मेला फाल्गुन महीने की द्वादशी तक लगाता है, जिसमें लाखों भक्त आते हैं.