उत्तर प्रदेश के झांसी। कोरोना काल में स्कूलों द्वारा ली गई फीस वापसी के हाईकोर्ट के आदेश के बाद नोएडा में इसे लेकर पहल शुरू हो गई है। वहां के डीएम ने छात्रों की 15 फीसदी फीस वापस न करने वाले 100 स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। लेकिन, झांसी की प्रशासनिक मशीनरी गंभीर नहीं है। यहां अभिभावक अभी भी फीस वापसी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और उनकी फीस वापसी की उम्मीद लगातार टूटती जा रही है। स्कूल वाले तकरीबन 51 करोड़ से ज्यादा रुपये दबाए बैठे हैं।जनवरी 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सत्र 2020-21 के छात्र-छात्राओं की 15 फीसदी फीस वापस या फिर समायोजित करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद प्रदेश सरकार ने भी स्कूलों को फीस वापसी के निर्देश दिए। यह आदेश हुए दो महीने बीत चुके हैं मगर झांसी में अब तक किसी भी स्कूल ने छात्र-छात्राओं की न तो फीस वापस की है और न ही कोई समायोजन किया।शिक्षा विभाग के आंकड़ों को देखें तो सत्र 2020-21 में जनपद में 4,16,839 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। इसमें 2,59,880 विद्यार्थियों ने करीब एक हजार प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई की। इनमें किसी स्कूल की फीस प्रतिमाह 1000 तो किसी की 2500 रुपये है। ऐसे में 15 फीसदी के हिसाब से किसी स्कूल को 1800 तो किसी को 4500 रुपये छात्र-छात्राओं के वापस करने है।