कैथल। कैथल डिपो के रोडवेज बेड़े में बसों की संख्या बढ़ाने के बावजूद ग्रामीण रूटों पर यात्रियों को बस सेवा नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण रूटों पर दोपहर बाद बस सेवा न होने के कारण ग्रामीण रूटों पर सबसे अधिक परेशानी यात्रियों को होती है। इस कारण से विशेषकर विद्यार्थियों और रोजाना शहर आने जाने वालों को दिक्कतें होती हैं। इस समय कैथल से कई ऐसे ग्रामीण रूट हैं। जहां दोपहर तीन बजे के बाद बस सेवा यात्रियों को नहीं मिल पाती है। ग्रामीण रूटों पर सफर करने वाले विद्यार्थियों व यात्रियों ने जल्द ही इन रूटों पर बस सेवा चलाने की मांग की है। गौरतलब है कि इस समय कैथल में रोडवेज के बेड़े में कुल 125 बसें शामिल हो चुकी हैं।
बस स्टैंड पर गांव प्रभोत जाने के लिए बस का इंतजार कर रही महिला यात्री धन्नो देवी ने बताया कि वह सुबह करीब 11 बजे बस स्टैंड पर पहुंची थी, लेकिन दोपहर 12 बजे तक भी बस नहीं मिली। गांवों में जाने वाले रूटों पर भी बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि यात्रियों को राहत मिल सके। क्यों कि यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है
नया बस स्टैंड पर गांव खरकां जाने वाली महिला यात्री बीरो देवी ने बताया कि वह गांव भैणी माजरी से पहुंची थी। गांव खरकां जाने वाली बस का 30 मिनट तक इंतजार करना पडऩा। काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
बस न मिलने से होती है कठिनाई
गांव भाना के विद्यार्थी शोभित ढुल ने कहा कि वह कैथल में कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए पहुंचता है। सुबह के समय तो विभाग की ओर से गांव से आने वाले विद्यार्थियों से लिए बस सेवा लगाई है। परंतु दोपहर के समय बस नहीं मिलने से कठिनाई होती है।
होती है काफी परेशानी
गांव सौंगल की छात्रा रजनी निमावत ने कहा कि वह सौंगल से कैथल आती है। राजौंद से तो कैथल की बस मिल जाती है, लेकिन सौंगल से राजौंद और राजौंद से सौंगल के लिए बस नहीं मिलती है। काफी परेशानी होती है।
रोडवेज के महाप्रबंधक अजय गर्ग ने कहा कि अब डिपो में रोडवेज की संख्या बढ़ी है। इसके बाद धीरे-धीरे सभी रूटों पर बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। अधिकतर ग्रामीण रूटों पर रात्रि बस सेवा शुरू कर दी है। यदि कहीं समस्या हो तो उसे भी दूर किया जाएगा। रोडवेज के बेड़े में बसों को बढ़ाया गया