उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले के हरपालपुर थाना क्षेत्र के मखाई पुरवा गांव में झोपड़ी में आग लगने से दो मासूम बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। गांव के लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था। सूचना के बाद भी मौके पर दमकल की टीम नहीं पहुंच सकी थी, जिससे ग्रामीणों आक्रोशित हो उठे थे। शुक्रवार की देर शाम दोनों मासूमों का एक साथ तेरा गंगा घाट पर नम आंखों के बीच शव को दफनाया। शनिवार को भी काफी संख्या में लोग घटना पर दुख जताने उसके घर पहुंचे। हर कोई घटना से स्तब्ध और दुखी था। परिवार को चाय बिस्कुट व भोजन भिजवाया। तेजराम के तीन बच्चों को समझा-बुझाकर जैसे-तैसे खाना खिला दिया गया। परंतु दो मासूमों की मौत के सदमे के चलते तेजराम व उसकी पत्नी के मुंह में रोटी का एक टुकड़ा भी नहीं जा पाया। चूल्हे से निकली चिंगारी झोपड़ी में आग लग गई। देखते ही देखते पूरी झोपड़ी को आग ने अपने आगोश में ले लिया। इससे घर के अंदर मौजूद मासूम ज्ञानेंद्र व नन्ही की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। आग की लपटों को देखकर शौच करने गई मासूमों की मां ने शोर मचाया। देखते ही देखते आग बढ़ती चली गई और दोनों बच्चे जिंदा जल गए। कुछ ही देर में झोपड़ी खाक हो गई। घटना की सूचना लोगों ने दमकल और पुलिस को दी। जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की है