कानपुर दिल का दौरा आज के समय मे आम बात हो गयी हे यह उम्र व बीमारी से सबंध नहीं हे सेहत का ख्याल रखा जाए तो इसकी क्षमता 100 से 150 वर्ष काम करने की होती है। व्यक्ति का हृदय मां की कोख में रहने के वक्त से काम करना शुरू करता है और बिना रुके मृत्यु तक काम करता रहता है। यह बात कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. आरके बंसल ने स्वस्थ हृदय विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बताईं। क्रिकेट खेलते, हंसते-गाते हार्ट अटैक के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। हृदय की बहुत सी छिपी हुई बीमारियां होती हैं। अचानक ट्रिगर होने से हार्ट अटैक आ जाता है।कानपुर डॉ. बंसल ने बताया कि अमूमन लोग समझते हैं कि बच्चों के हाई ब्लड प्रेशर नहीं होता लेकिन पांच प्रतिशत बच्चे भी इस रोग से ग्रसित होते हैं। 40 साल की उम्र के बाद अधिक स्ट्रेस देने वाला काम नहीं करना चाहिए।दिल का वजन 150 ग्राम होता है 72 बार धड़कता है।यह प्रदूषित खून फेफड़ों तक पहुंचाता है और अच्छा खून शरीर के अंगों तक पहुंचाता है।स्कूल-कॉलेजों में शिविरों के माध्यम से हृदय की जांच की जानी चाहिए।