उत्तर प्रदेश के वाराणसी इस बार सावन में शिव के भक्तों पर गौरी की कृपा भी बरसेगी। मंगलवार को शुरू हो रहे दो महीने के सावन में पहले दिन श्रद्धालु मंगला गौरी का व्रत रखेंगे। भक्तों को आठ सोमवार, नौ मंगला गौरी और चार एकादशी का व्रत मिलेगा। चार जुलाई से 31 अगस्त तक चलने वाले सावन के लिए शिव की नगरी में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर शहर के शिवालयों में शिवभक्तों का रेला उमड़ेगा। सावन और अधिमास का महासंयोग शिवभक्तों पर कृपा बरसाएगा। 19 साल के बाद अधिमास के कारण 59 दिनों का महासंयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान शिव की आराधना, व्रत और जलाभिषेक के लिए भक्तों को आठ सोमवार मिलेंगे। इसके साथ ही चातुर्मास भी चार माह के बजाय पांच महीने का हो जाएगा। भगवान शिव के साथ ही शक्ति और भगवान विष्णु की कृपा भी भक्तों को मिलेगी। चार जुलाई से बाबा विश्वनाथ की नगरी बोल-बम के जयकारे से गूंज उठेगी। पूर्वांचल समेत देशभर से कांवरियों और शिवभक्तों का रेला बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए उमड़ेगा। सावन में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भक्तों को झांकी दर्शन मिलेंगे। सावन के सभी सोमवार को वीआईपी दर्शन और सुगम दर्शन पर रोक रहेगी। बाबा के धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन का भी नया रिकॉर्ड बनने के आसार हैं। पिछले साल सावन में जहां श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ तक पहुंच गई थी। वहीं, इस बार यह आंकड़ा दोगुने से भी अधिक होने का अनुमान है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए ही मंदिर प्रशासन इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। भीड़ प्रबंधन के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। उधर कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए पूर्वांचल भर से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। सावन के सोमवार को यहां तीन से चार लाख श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते हैं। मंदिर में सावन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर बीएचयू, जागेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर, कर्दमेश्वर, गौरी केदारेश्वर, शूलटंकेश्वर, रामेश्वर, ऋणमुक्तेश्वर सहित शहर के शिव मंदिरों में सावन की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि चार जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो रही है। अधिमास के कारण इस बार यह दो महीने तक रहेगा। सावन की समाप्ति 31 अगस्त को होगी। इस तरह का संयोग 19 साल पहले 2004 में बना था। अधिमास की शुरुआत 18 जुलाई को होगी और यह 16 अगस्त तक रहेगा। मंदिर में भीड़ प्रबंधन के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी से ज्यादा रहने का अनुमान है