उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में घर से एक साथ पांच अर्थियां उठीं, तो शेखूपुर गांव में हर किसी की आंखें नम हो गईं। चीख पुकार और सिसकियों के बीच लोग एक-दूसरे को ढांढस बंधाते नजर आए। दोपहर एक बजे के बाद गांव के बाहर चार शवों को मुखाग्नि दी गई, जबकि मासूम के शव को दफनाया गया। अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। कन्नौज जिले के तिर्वा के पास एक्सप्रेसवे पर डिवाइडर से टकराकर कार पलटने से ऐरवाकटरा थाना क्षेत्र के शेखूपुर निवासी राहुल सविता, उसकी पत्नी लक्ष्मी, बेटे अयांश के अलावा मां आशा देवी व पिता कृष्ण मुरारी की मौत हो गई थी। मंगलवार सुबह पांच बजे पांचों के शव पोस्टमार्टम होने के बाद गांव पहुंचे तो चीख पुकार मच गई। परिजनों के साथ गांव के लोगों का बुरा हाल रहा। सुबह से ही काफी संख्या में लोग वहां पहुंचने लगे। दोपहर तक हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ हो गई। दोपहर 12 बजे शव यात्रा निकली, तो हर किसी की आंखें नम दिखीं। हर कोई घटना को लेकर स्तब्ध नजर आया। दोपहर एक बजे के बाद मृतक राहुल के चाचा आशाराम ने गांव के बाहर खेत पर भतीजे राहुल, उसकी पत्नी लक्ष्मी, बड़े भाई कृष्ण मुरारी और भाभी आशा देवी के शव को मुखाग्नि दी। वहीं, मासूम अयांश के शव को दफनाया गया।

































