उत्तर प्रदेश के कानपुर के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बहुप्रतीक्षित रिंग रोड निर्माण के लिए ठेकेदार को कार्यादेश जारी कर दिया है। ठेकेदार को जून में निर्माण शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले जिला प्रशासन को पैकेज – 1 और 4 के तहत छह लेन के निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीन में से कम से कम 40 किलोमीटर जमीन काश्तकारों से कब्जा लेकर एनएचएआई को देना है। सब कुछ तय समय में हुआ तो सन् 2025 में इस मार्ग में वाहन फर्राटा भर सकेंगे। शहर के चारों तरफ नगर, देहात और उन्नाव जिले की जमीन पर 93 किलोमीटर का रिंगरोड बननी है। इसमें से पैकेज – 1 के तहत मंधना से सचेंडी तक लगभग 23 किलोमीटर और पैकेज – 4 के तहत सचेंडी से ग्राम रमईपुर के पास तक 26 किलोमीटर निर्माण होना है। इसका ठेका मैनपुरी की कंस्ट्रक्शन कंपनी राज कारपोरेशन को दिया गया है। ठेकेदार को जून में निर्माण शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। एनएचएआई रिंग रोड के लिए काश्तकारों की जमीन अधिग्रहित कर अधिसूचना जारी कर चुका है। अब अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) को काश्तकारों को मुआवजा देते हुए जमीन का कब्जा लेना है। एनएचएआई के नियमानुसार ठेकेदार को निर्माण शुरू करने से पहले 80 फीसदी जमीन का कब्जा देना अनिवार्य है। दिल्ली की तरफ से आकर बुंदेलखंड की तरफ जाने – आने वाले वाहन शहर के बाहर ही बाहर सचेंडी तक पहुंचेंगे और वहां से एनएच-2 से नौबस्ता बाईपास पहुंचकर सागर मार्ग से बुंदेलखंड की तरफ जाएंगे। योगी सरकार ने पूरी तैयारी कर ली हे