राजस्थान में अजमेर जिले के सोफिया स्कूल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। स्कूल प्रबंधन ने छात्राओं से उनके हिप्स और कमर नाम पूछा है। इसे लेकर छात्राओं के अभिभावकों ने नाराजगी जताई है। हालांकि, स्कूल का कहना है कि ये पहली बार नहीं है, इससे पहले भी गेम्स और एथलेटिक्स गतिविधयों को लेकर ये जानकारी मांगी गई है। जानकारी के अनुसार सोफिया सीनियर सकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाली करीब 2500 छात्राओं को एक हफ्ते पहले हेल्थ और एक्टिविटी के नाम से एक फॉर्म दिया गया था। जिसमें दिए गए हेल्ड रिकॉर्ड कॉलम में ब्लड ग्रुप, लंबाई, आंख, नाक ,दांत और कान समेत हिप्स और कमर का नाप देने को कहा गया है। इसे लेकर कुछ परिजनों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि बच्चियों के निजी अंगों की जानकारी लेना सही नहीं है। कानूनी और नैतिक रूप से भी ये गलत है। इसे फार्म से हटाया जाना चाहिए। छात्रों का मेडिकल फॉर्म भरवाने के लिए अभिभावक अब अस्पताल के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। कुछ अभिभावकों ने अपने-अपने पहचान वाले डॉक्टर से मेडिकल फॉर्म भरवा लिया है तो वहीं कुछ ने अस्पताल जाकर मेडिकल करवाया है।स्कूल प्रबंधन का कहना है यह एक रुटीन प्रोसेस है। हर साल छात्राओं से मेडिकल फॉर्म में ये जानकारी मांगी जाती है। फॉर्म को स्कूल प्रबंधन सुरक्षित रखता है। अगर, फिर भी किसी छात्रा या उनके परिजनों को परेशानी है तो उसे खाली छोड़ सकता है। बतादें कि इससे पहले सीआरपीएफ की भर्ती में महिला जवानों के फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट में चेस्ट का मेजरमेंट किया जाता था। लेकिन, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की आपत्ति के बाद इसे अब हटा दिया गया है। इसी तरह के एक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने महिलाओं के चेस्ट मेजरमेंट को अपमानजनक और मनमाना बताते हुए इसे महिला की गरिमा का अपमान भी बताया।