राजस्थान के जयपुर की राजनीति में एक और बदलाव देखने को मिला है। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शिवसेना का हाथ थामा है। गुढ़ा में आयोजित कार्यक्रम में अपने बेटे के जन्म दिन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना की सदस्यता ग्रहण करवाई है। राजेंद्र गुढ़ा के बेटे शिवम गुढ़ा के जन्मदिन के मौके पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे उदयपुरवाटी आए थे। लिबर्टी फार्महाउस पर आयोजित कार्यक्रम में राजेंद्र गुढ़ा शिवसेना में शामिल हुए हैं। गुढ़ा में हुई जनसभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राजस्थान और महाराष्ट्र शूरवीरों की धरती है। महाराष्ट्र में वीर शिवाजी और राजस्थान में महाराणा प्रताप बड़े योद्धा थे। राजस्थान के इस क्षेत्र से देश के सपूतों ने सेना में रहकर कुर्बानियां दी हैं। आज राजेंद्र गुढ़ा का शिवसेना में पदार्पण हुआ है। इससे महाराष्ट्र और राजस्थान की धरोहर का मिलन हुआ है। सीएम शिंदे ने राजेंद्र गुढ़ा को शपथ भी दिलाई। शिंदे ने कहा बाला साहब ठाकरे के विचार वाली शिवसेना देश के 25 राज्यों में संगठनात्मक रूप से काम कर रही है। शिंदे ने सीएम गहलोत पर तंज करते हुए कहा कि आज राजेंद्र गुढ़ा के पुत्र का जन्मदिन है। जन्मदिन पर मैं इनको बधाई देता हूं। लेकिन, जन्मदिन पर यहां सीएम अशोक गहलोत भी आए थे और उन्होंने कहा था कि राजेंद्र गुढ़ा नहीं होते तो मेरी सरकार नहीं बचती और मेरी जगह कोई और मुख्यमंत्री होता। राजेंद्र गुढ़ा ने क्या गलती की ? इन्होंने तो केवल भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। जो अपने स्वार्थ के लिए नहीं, जनहित में उठाया था। लेकिन, इन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। इसका जवाब तो चुनाव में जनता देगी। राजेंद्र गुढ़ा विधानसभा में लाल डायरी दिखाकर चर्चाओं में आए थे, उन्होंने प्रेसवार्ता में भी कुछ अंश डायरी के दिखाए थे। इस घटना के बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था।