राजस्थान के जयपुर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राजस्थान की ओर से मंगलवार को जयपुर में किए गए सचिवालय घेराव कार्यक्रम के दौरान शहर के अति व्यस्ततम रोड पर जिस तरह जाम की स्थिति बनी, उस पर हाईकोर्ट जयपुर बेंच ने कड़ी नाराजगी जताते हुए पुलिस अफसरों की क्लास लगा दी। बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान जाम में वाहन चालकों के साथ ही वकील, जज, स्कूली बच्चे, सरकारी कर्मचारी और आम राहगीर, वाहन चालक भी फंस गए थे। हाईकोर्ट ने बुधवार को स्व प्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए कड़ी नाराजगी जताई। हाईकोर्ट जस्टिस समीर जैन की कोर्ट ने मामले में कहा- क्यों नहीं अदालती आदेश की अवमानना करने पर रैली की अनुमति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा अगर धरने प्रदर्शन की अनुमति देनी है, तो शहर के बाहर दी जाए। ताकि आम जनता को कम से कम परेशानी हो। कोर्ट ने कहा- सरकार गुरूवार तक यह बताए कि किस आधार पर स्टेच्यु सर्किल तक रैली की अनुमति दी गई। जिसमें कौन-कौन जिम्मेदार अफसर हैं, और क्यों न उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। हाईकोर्ट में बुधवार को राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता मेजर आरपी सिंह ने कहा कि राज्य ने वर्ष 2018 के जस्टिस एमएन भंडारी के निर्णय के आधार पर रैली को अनुमति दी थी । लेकिन कोर्ट को इस बात पर संतोष नहीं हुआ और सरकार को गुरुवार को जवाब पेश करने के आदेश दिए। हाईकोर्ट ने कहा इस मामले की सुनवाई 3 अगस्त गुरुवार को फिर से होगी। हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस ने रैली की परमिशन दे दी, तो फिर ट्रैफिक की वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई ? किस आधार पर स्टैच्यु सर्किल पर प्रदर्शन की अनुमति दी गई। कोर्ट रूम में सुनवाई के दौरान एडिश्नल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश, डीसीपी ट्रैफिक प्रहलाद कृष्णियां, डीसीपी साउथ योगेश गोयल और आईपीएस कुंवर राष्ट्रदीप सहित जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अन्य अधिकारी सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। आज हाईकोर्ट में फिर से पुलिस अधिकारी और अतिरिक्त महाधिवक्ता पेश होंगे और जवाब पेश करेंगे।