राजस्थान के कोटा ,चित्तौड़गढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ दौरे पर रहे। 4.5 साल बाद पीएम मोदी चित्तौड़गढ़ आए। इससे पहले वे 2019 में यहां आए थे। चित्तौड़गढ़ राजस्थान के मेवाड़ इलाके का हिस्सा और ये उदयपुर संभाग में आता है। इसमें बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, राजसमंद, उदयपुर और प्रतापगढ़ समेत छह जिले शामिल हैं। आइए, अब मेवाड़-वागड़ के सियासी गणित को समझते हैं…। एक कहावत है ‘जिसने मेवाड़ को जीत लिया, उसने राजस्थान जीत लिया‘ राजनीति में राजस्थान को लेकर ये बात काफी मशहूर है। शायद, यही वजह है कि चाहे भाजपा हो या फिर कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का इस क्षेत्र पर विशेष फोकस रहता है।
विधानसभा चुनाव को देखते हुए दोनों ही दलों ने अपनी सक्रियता यहां बढ़ा दी है। आज पीएम मोदी के दौरे को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने यहां सांवलिया सेठ मंदिर में दर्शन कर मेवाड़-वागड़ संभाग को 7 हजार करोड़ के विकास कार्यों की सौगात दी। मेवाड़-वागड़ संभाग में 28 विधानसभा सीटें हैं। 2018 के चुनाव में 28 में से 15 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। 10 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर अन्य को जीत मिली थी। चुनाव से पहले पीएम मोदी और भाजपा ने एक बार फिर मेवाड़-वागड़ संभाग की जनता को साधने का प्रयास किया है। 7 हजार करोड़ के विकास कार्यों की सौगात का असर भी आने वाले चुनाव में देखने को मिल सकता है।
2018 से पहले तक थी ये परंपरा
मेवाड़-वागड़ को लेकर कहा जाता है कि चुनाव में वही पार्टी सत्ता में आती है जिसने इस संभाग में जीत हासिल की हो। साल 2018 के अलावा पिछले चुनाव परिणामों पर नजर डाले को ये बात आंकड़ों में भी सही साबित होती है। आइए, अब एक नजर डालते हैं पिछले चुनाव परिणामों पर…।
विधानसभा चुनाव 2018: इस चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ की ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी भाजपा सरकार नहीं बना पाई। भाजपा ने यहां 15 और कांग्रेस को 10 सीटें जीतीं। मेवाड़ से कम सीटें जीतने के बाद भी कांग्रेस की सरकार बनी।
विधानसभा चुनाव 2013: इस चुनाव में भाजपा ने 28 में से 25 सीटें जीतें। कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें आईं। भाजपा ने सरकार बनाई।
विधानसभा चुनाव 2008: कांग्रेस ने 19 सीटें जीतकर सरकार बनाई। भाजपा को सिर्फ 7 सीटें जीतकर संतोष करना पड़ा।
विधानसभा चुनाव 2008: भाजपा ने 25 में से 18 सीटें जीतकर सरकार बनाई, कांग्रेस को महज 5 सीटें मिली। परिसीमन से पहले मेवाड़ में 25 विधानसभा सीटें थीं। अब इनकी संख्या 28 हो गई है। एक कहावत है ‘जिसने मेवाड़ को जीत लिया, उसने राजस्थान जीत लिया’ राजनीति में राजस्थान को लेकर ये बात काफी मशहूर है। शायद, यही वजह है कि चाहे भाजपा हो या फिर कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का इस क्षेत्र पर विशेष फोकस रहता है।