राजस्थान के जयपुर के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को विधायक आवास परियोजना का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जालूपुरा और ज्योति नगर में स्थित आवास में किस हालत में विधायक रहते थे, वह सब को जानकारी है। उसके बाद भी वह बंगले नहीं छोड़ रहे थे। फ्लैट में शिफ्ट होने में थोड़ी झिझक होती है। लेकिन, स्पीकर साहब, धारीवालजी और गुलाबचंद कटारियाजी ने एक राय होकर भावना प्रकट की। इसमें बाद तमाम विधायक भी कन्वेंस हो गए। आज यहां 160 विधायकों के लिए मकान जैसे शानदार फ्लैट बन गए। यहां तरह की सुविधा है। सीएम गहलोत ने कहा- ये अपने आप में एक मैसेज राजस्थान के अंदर है। जिस प्रकार से हम पैसे दे रहे हैं। गुड गवर्नेंस का इतिहास राजस्थान के अंदर बन रहा है। आज मैं बात करता हूं 2030 की, हम लोग विजन 2030 लेकर चलेंगे। इसकी शुरुआत हम बहुत जल्द करने वाले हैं। आज प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी और कृषि यूनिवर्सिटी सब आ गए है। 96 विश्वविद्यालय राजस्थान के अंदर हैं। प्रदेश में चहुंमुखी विकास हो रहा है। आवासन मंडल खड़ा हो गया। कांस्टीट्यूशन क्लब बन रहा है दिल्ली की तर्ज और गांधी जी का म्यूजियम बन रहा है। वह भी अपने आप में देश में नंबर वन होगा। इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस टाटा की पैटर्न पर हम इंस्टिट्यूट बना रहे हैं। सीएम अशोक ने कहा जो अस्थिरता पैदा करने का काम करते हैं। उन्हें हम बिल्कुल नहीं बख्शते हैं। इस दौरान सीएम गहलोत के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर तंज कसते हुए कहा आपको ओलमा देने का मुझे हक है। क्योंकि आप भी वरिष्ठ विधायक हो, वसुंधरा सरकार के वक्त आवासन मंडल को बंद करने का आपने मन बना लिया था, उनके सलाहकार तो राजेन्द्र राठौड़ ही थे। मैं राजेन्द्र राठौड़जी का धन्यवाद देता हूं आपने मेरे शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। लेकिन, ये डेमोक्रेसी है। डेमोक्रेसी में मेरा हाल पूछने के लिए आपको मेरे घर आना चाहिए था। सीएम अशोक ने कहा-मेरे पैरों की चोट को मजाक बना दिया। मेरे एक पैर में हेयरलाइन फैक्चर है और नाखून बाहर आ गया है। दूसरे अंगूठे का नाखून तो बाहर नहीं आया, लेकिन तीन टुकड़े हुए हैं। अभी भी आप आश्चर्य कर रहे हो राजेन्द्र राठौड़ जी, मैं आपका चेहरा पढ़ रहा हूं। इसमें भी आप डाउट कर रहे हो। आप घर पर आएं, मैं आपको चाय पिलाऊंगा? मेरी आपसे शिकायत है मैं पूरी कर लेता हूं। भतीजे की शादी थी ये मुझे कार्ड देने आए। तब ये नेता प्रतिपक्ष नहीं थे, मुझे लगा राठौड़ साहब आए हैं, मैंने कहा कुछ नाश्ता वगैरह बनवाओ, चाय के साथ गपशप करेंगे।इन्होंने क्या किया, मैं कार्ड पढ़ने लगा और दूल्हा दुल्हन के नाम पढ़े। इतने में ही इन्होंने नमस्कार किया और भाग गए। ऐसा लगा कि ये किसी से छिपकर के आए हो। इसलिए मैं शादी में नहीं गया। सिर्फ इसलिए की राठौड़ साहब आए क्यों थे? मैं समझता हूं..इतने में ही राजेन्द्र राठौड़ ने फिर से सीएम गहलोत के हाथ जोड़ दिए। अशोक गहलोत ने कहा यह कांग्रेस सरकार वापस रिपीट होने का शुभ संकेत है। अगर, चुनाव कैंपेन में मेरे लगती तो क्या होता, जो होता है ठीक ही होता है। मैं तो चार-पांच पहले महीने पहले ही निपट गया।