राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं। महिला आरक्षण बिल के कानून बनने के बाद यहां महिला विधायकों की संख्या बढ़कर 66 हो जाएगी। अभी प्रदेश में महिला विधायकों की संख्या 27 है, जिसमें कांग्रेस की 15, बीजेपी की 10, आरएलपी और अन्य की एक-एक महिला विधायक हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया। बिल पर आज बुधवार को बहस होगी। उम्मीद है कि पूर्ण बहुमत वाली भाजपा सरकार इस बिल को सदन में पास करा लेगी। बिल के लागू होने के बाद लोकसभा और विधानसभा में राजस्थान की महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ेगी। राजस्थान में वर्तमान में लोकसभा की 25 सीटें हैं। महिला आरक्षण बिल के लागू होने के बाद महिलाओं के लिए आठ सीटें आरक्षित हो जाएंगी। बतादें कि अभी राजस्थान में तीन महिला सांसद हैं और तीनों ही भाजपा की हैं। इधर, राजस्थान विधानसभा की बात करें तो प्रदेश में 200 सीटें हैं। महिला आरक्षण बिल के कानून बनने के बाद यहां महिला विधायकों की संख्या बढ़कर 66 हो जाएगी। अभी प्रदेश में महिला विधायकों की संख्या 27 है, जिसमें कांग्रेस की 15, बीजेपी की 10, आरएलपी और अन्य की एक-एक महिला विधायक हैं। दरअसल, महिला आरक्षण बिल को लेकर 27 साल में चार पूर्व प्रधानमंत्रियों ने 11 बार कोशिशें कर इसे पास कराने का प्रयास किया, लेकिन ये कोशिश कामयाब नहीं हो पाई। लेकिन, अब पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी सरकार इस बिल को पास करा ले जाएगी। कहा जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा भी भाजपा को मिलेगा। देश और प्रदेश में सक्रिय पार्टियों में सिर्फ भाजपा ही एक मात्र पार्टी है जहां महिला मोर्चा सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने वाला संगठन है। प्रदेश के हर जिले में भाजपा महिला मोर्चा की टीम मौजूद है। 1800 से ज्यादा शक्ति केंद्र हैं और रोजाना काम कर रहे हैं। अन्य राजनीतिक दलों में महिला मोर्चा इतना एक्टिव नहीं दिखाई पड़ता है।