हरियाणा में जीटी बेल्ट के जिलों में अच्छी बारिश देखने को मिली है। बारिश से जिलों में जगह-जगह जलभराव हो गया, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं करनाल के तरावड़ी के पखाना गांव में बारिश के कारण हुई फिसलन के कारण तालाब में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ जब स्कूल से लौटते समय तालाब में गिरे कक्षा चार के बच्चे को बचाने के लिए दूसरा बच्चा आगे आया, लेकिन वह भी फिसल गया। बच्चों की पहचान पखाना गांव निवासी 11 वर्ष के हिमांशु और 16 साल के वरुण के रूप में हुई। समालखा में तेज बारिश और हवाओं के चलते शुक्रवार की रात 11 बजे के करीब पावटी गांव में बनी एक डेयरी की दीवार गिर गई। इसमें 10 पशु मलबे के नीचे दब गए। सूचना मिलने पर हाइड्रा और जेसीबी की मदद से पशुओं को निकाला गया। इनमें से एक की मौत हो गई। दूसरी ओर क्षेत्र में यमुना नदी फिलहाल खतरे के निशान से नीचे बह रही है। उधर करनाल में 17.4 एमएम, कुरुक्षेत्र में 15 एमएम, यमुनानगर में 10 एमएम, अंबाला में दो एमएम बारिश दर्ज की गई है। लगातार तीन से चार दिन बारिश देने के बाद हरियाणा में अब मानसून निष्क्रिय हो गया है। अगले तीन दिन बारिश के आसार नहीं है। बारिश नहीं होने की स्थिति में लोगों को गर्मी व उमस का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक दो अगस्त को फिर से मानसून सक्रिय होगा। दो अगस्त को हरियाणा के कुछ इलाकों में तेज बारिश हो सकती है। दो से तीन दिन तक मानसून सक्रिय रहेगा। उसके बाद बारिश थम जाएगी। अगस्त महीने का दूसरा हफ्ता सूखा जाने वाला है। हरियाणा में मानसून का सीजन अब तक काफी अच्छा रहा है। 29 जुलाई तक हरियाणा में 310 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से 59 फीसदी अधिक है। सिर्फ जुलाई में 210 एमएम से ज्यादा बारिश हो चुकी है। हरियाणा-पंजाब सीमा से सटी घग्गर नदी के बांध टूटने के बाद अभी तक दुरुस्त न होने पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। शनिवार को अंबाला के गांव सुल्लर गुरुद्वारा में हुई मीटिंग में दोनों राज्यों के 50 से अधिक गांव के किसानों ने हिस्सा लिया। किसानों ने अपने दम पर बांध को पक्का करने का एलान किया है।घग्गर नदी के आसपास लगते 50 से अधिक गांव के किसानों ने फैसला लिया कि हर गांव से एक-एक हजार कट्टे मिट्टी के भरकर बांध पक्का करने के लिए लाए जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के प्रधान अमरजीत सिंह मोहड़ी ने कहा कि अंबाला के साथ लगते घग्गर नदी के पंजाब एरिया में 2 जगह बांध टूटे हैं, जिससे अंबाला में लाखों एकड़ फसल तबाह हो गई है। बाढ़ आए को करीब 20 दिन का समय बीत चुका है, लेकिन हरियाणा और पंजाब सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। किसानों की लाखों एकड़ फसल खत्म हो चुकी है, लेकिन सरकार अभी भी गंभीर नहीं है। वह सरकार का सहयोग करने को तैयार हैं। सरकार अन्य टूटे बांधों को भी पक्का करें। फतेहाबाद जिले में बाढ़ के बाद अब सांपों का झुंड मुसीबत बने हैं। स्नेक कैचर ने अब तक 105 सांप पकड़े हैं। कॉमन सैंड बोहा प्रजाति के सांपों ने पेड़ों पर डेरा डाला हुआ है। घरों में रैट स्नैक व स्पेक्टिकल कोबरा भी मिल रहे हैं। अब तक स्नेक बाइट के तीन केस सामने आए हैं। नागरिक अस्पताल में स्नेक बाइट के मात्र 52 इंजेक्शन ही उपलब्ध हैं। शनिवार को 26 सांप मिले हैं। फतेहाबाद में घग्गर का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। हालांकि, बाढ़ प्रभावित इलाकों बोसवाल, धिड़, ढाणी सरजा, ढाणी ज्वाला, खान मोहम्मद की ढाणी दिल्ली वाली, ढाणी टाहलीवाली में अभी तक पानी की निकासी नहीं हो पाई है। इसके विरोध में शनिवार को इन ढाणियों के लोगों ने फतेहाबाद के हांसपुर चौक पर प्रदर्शन भी किया। फतेहाबाद प्रशासन ने खान मोहम्मद के पास स्पेशल खाला व मुंशीवाली माइनर को दो जगह से तोड़ा है। वहीं शनिवार को सिरसा के गांव नेजाडेला खुर्द के मुख्य तटबंध से घग्गर के छोटे तटबंध की तरफ मोटर शुरू करने के लिए जा रहे किसान सोहन सिंह (45) का पैर फिसलने के कारण घग्गर में डूबने से मौत हो गई। बाढ़ से अब तक 47 की मौत हरियाणा में बाढ़ से मौतों का आंकड़ा 47 तक पहुंच गया है। आठ लोग घायल है और दो लोग लापता हैं। बाढ़ से अब तक 237 लोगों के घर टूट चुके हैं। करीब 21 हजार बड़े जानवरों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। हरियाणा सरकार के मुताबिक अब तक 7868 लोगों को बचाया जा सका है। वहीं, बाढ़ से अब तक दो लाख एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। नदियों का गिरा जलस्तर, करनाल में यमुना का कटाव रोकने का कार्य जारी : प्रदेश में बाढ़ के बाद अब नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चल रहा है। हालांकि करनाल में यमुना नदी के बहाव में कोई खास अंतर नहीं आया है। कटाव रोकने के लिए कार्य लगातार जारी है। शाहाबाद में मारकंडा नदी का जलस्तर सामान्य है। अंबाला में भी टांगरी, मारकंडा, बेगना और घग्गर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी कम हो गया है।