उत्तर प्रदेश के गोरखपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड (पराग डेयरी 20 हजार लीटर क्षमता) का निर्माण भिलौरा के किसानों की 10 एकड़ जमीन पर 1967 में किया गया था। डेयरी संचालन में मंडल की 300 दुग्ध समितियों से हजारों किसान जुड़े हैं। उद्घाटन के एक माह बाद से ही पराग डेयरी के प्लांट पर ग्रहण के बादल छाने लगे। कैबिनेट की बैठक में पराग डेयरी सहित आठ दुग्ध संघों (डेयरी) को लीज पर देने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। दुग्ध संघ प्रतिनिधियों और स्थानीय विधायकों के विरोध के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन प्लांट को घाटे में ले जाने की साजिश चलती रही। दुग्ध संघ प्रशासन की मनमानी के कारण प्लांट बंदी के कगार पर पहुंच गया गोरखपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड (पराग डेयरी 20 हजार लीटर क्षमता) का निर्माण भिलौरा के किसानों की 10 एकड़ जमीन पर 1967 में किया गया था। डेयरी संचालन में मंडल की 300 दुग्ध समितियों से हजारों किसान जुड़े हैं। पशुपालकों के हित में एक लाख लीटर दूध प्रतिदिन खपत की क्षमता का नया डेयरी प्लांट बनाया गया। इसका शुभारंभ फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाद कारखाना के मैदान से वर्चुअल किया। इसके अगले माह से ही डेयरी पर ग्रहण लगना शुरू हो गया। कैबिनेट की बैठक में पराग डेयरी गोरखपुर के साथ ही आजमगढ़, वाराणसी, झांसी, प्रयागराज, मुरादाबाद, नोएडा, कानपुर सहित आठ दुग्ध संघों (डेयरी) को लीज पर देने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। विरोध के बाद झांसी का नाम हटा दिया गया, लेकिन वाराणसी डेयरी को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) को दे दिया गया। वर्ष 2020 से दुग्ध संघों को लीज पर देने की चर्चा फिर तेज हो गई। इसका लाभ दुग्ध संघ प्रशासन के कुछ लोग उठाते हुए गोरखपुर की पराग डेयरी के प्लांट को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिए। किसानों की संपत्ति होते हुए भी इसे शासन के हर निर्णय से दूर रखा गया। पराग डेयरी गोरखपुर को लीज पर देने से बचाने के लिए सहजनवां के पूर्व विधायक शीतल पांडेय और देवरिया सदर के पूर्व विधायक जनमेजय सिंह व डेयरी के चेयरमैन रणजीत सिंह 31 अगस्त 2019 को सीएम योगी से मिलकर अनुरोध पत्र दिया। इसके बाद लीज का मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन, साल 2022 में लीज वाला जिन्न फिर बोतल से बाहर निकल आया। एक बार फिर प्लांट को घाटे में ले जाने की साजिश तेज हो गई। प्लांट में तमाम गड़बड़ियां होने लगीं। दूध का कलेक्शन कर दिया गया। पशुपालकों की उधारी बढ़ती गई। कर्मचारियों का वेतन भी रुक गया। अब 10 मई को लखनऊ के एक अखबार में विज्ञापन देकर गोरखपुर (पराग डेयरी), मुरादाबाद, आजमगढ़, कानपुर, नोएडा, प्रयागराज के डेयरी को लीज पर लेने का आमंत्रण मांगा गया है। तीस जून तक इस प्रक्रिया को पूरा करना है। इसमें पराग डेयरी गोरखपुर को प्राथमिकता पर रखा गया है डेयरी के बॉयलर को चलाने के लिए प्रतिमाह 18,000 लीटर दोयम दर्जे के डीजल (एलडीओ) की जरूरत पड़ती थी, जिसे टैंकर से मंगाया जाता था। इसमें घटतौली कराकर प्रतिमाह ढाई से तीन लाख रुपये की चोरी की जाने लगी। इसकी शिकायत मिलने पर विभाग ने 20 अक्तूबर 2021 को टैंकर का तौल कराया, जिसमें डीजल सहित टैंकर का वजन 22,740 किलोग्राम आया। जबकि, खाली टैंकर का वजन 9580 किग्रा और डीजल का वजन 18,000 किलोलीटर की जगह 13,160 किलोलीटर मिला। चोरी पकड़े जाने पर प्रधान प्रबंधक दुग्ध संघ गोरखपुर ने मामले में प्रभारी अभियंत्रण/क्रय दुग्ध संघ से जवाब मांगा। बाद में मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया। सूत्रों के अनुसार, इसमें 50 लाख रुपये का घोटाला हुआ था। इसी तरह पुराने प्लांट का लाखों का स्क्रैप चोरी से बेच दिया गया। बीते वर्ष तत्कालीन पुलिस चौकी प्रभारी नौसड़ सूरज सिंह ने डेयरी का स्क्रैप चोरी से ले जाते एक युवक को पकड़ा था। डेयरी से तहरीर मांगने पर नहीं दी गई, जिससे कोई कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों के मुताबिक, शासन की ओर से झांसी डेयरी को सहयोग मिला। सीएम की पहल पर दुग्ध उत्पादन सहकारी समूह बलिनी झांसी की डेयरी लाभ में है। वह अपना प्लांट चलाने के साथ ही लखनऊ डेयरी को भरपूर मात्रा में दूध उपलब्ध करा रहा है। चेयरमैन के पराग डेयरी रणजीत सिंह ने कहा कि डीजल की घटतौली में कार्रवाई नहीं होने पर जीएम से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। मैंने दुग्ध आयुक्त और एमडीपीसीडीएफ को पत्र लिखकर प्रकरण की जांच कराने की मांग की। इस पर दुग्ध आयुक्त ने संजय कुमार सिंह और इंदुभूषण सिंह (वर्तमान में डेयरी के जीएम) को कमेटी बनाकर जांच का आदेश दिया, लेकिन जांच शुरू नहीं हुई। आरोपी, सेवानिवृत्त होने के बाद भी डेयरी में कार्य कर सुविधाएं ले रहे हैं। पराग डेयरी प्रबंधन ने दुग्ध उत्पादकों को बकाया धनराशि का भुगतान करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को देवरिया, महराजगंज एवं कुशीनगर के 10 दुग्ध उत्पादक पशुपालकों को दो लाख 50 हजार रुपये भुगतान किया गया। बताते चलें कि पराग डेयरी के बंद होने की खबर से आक्रोशित पशुपालकों ने दूध के बकाये के भुगतान के लेकर बृहस्पतिवार को पराग डेयरी पर धरना-प्रदर्शन कर कारखाना प्रबंधक को बंधक बना लिया था। पुलिस मामले की जांच कर रही हे