दो दिन पूर्णिमा की तिथियां होने की वजह से इस बार होली पर्व को लेेकर असमंजस कायम है, लेकिन इंदौर मेें होलिका दहन छह मार्च को होगा। इसी दिन राजवाड़ा पर सबसे पहले सरकारी होली जलेगी और बाद मेें शहर मेें अन्य जगहों पर होलिका दहन होंगे, जबकि धुलेंडी सात मार्च को बनाई जाएगी। केलेंडर में दो दिन की पूर्णिमा होने की वजह से होली असमंजस मेें है, छह मार्च को राजवाड़ा क्षेेत्र से शाही रंगारंग बाना भी निकलेगा।
इंदौर में होली पर्व छह मार्च को मनाने का फैसला विद्वत परिषद ने लिया है। खजराना गणेश मंदिर के पूजारी अशोक भट्ट का कहना है कि केलेंडर में होली पर्व को लेकर अलग-अलग तिथियां अंकित है, शहर मेें ज्यादातर स्थानों पर होलिका दहन सोमवार को किया जाएगा।
होलिका दहन को लेकर चल रहे असंमजस के बीच इंदौर में होली पर्व छह मार्च को मनाने का फैसला विद्वत परिषद ने लिया है। खजराना गणेश मंदिर के पूजारी अशोक भट्ट का कहना है कि केलेंडर में होली पर्व को लेकर अलग-अलग तिथियां अंकित है। इस कारण से आम लोगों मेें भी इस पर्व को लेकर असंमजस है, लेकिन शहर मेें ज्यादातर स्थानों पर होलिका दहन सोमवार को किया जाएगा। दूसरे दिन यानि सात मार्च को धुलेंडी का पर्व मनाया जाएगा। खजराना मंदिर में भी इसके हिसाब से ही पर्व मनाया जाएगा। विद्वत परिषद ने प्रशासन ने भी आग्रह किया है कि होली का अवकाश सात मार्च को ही रखा जाए। रंगपंचमी शहर में 12 मार्च को मनाई जाएगी।
फाल्गुनी पूर्णिमा दो दिन होने और भद्रा के कारण होली पर्व को लेकर संशय है,हालांकि इंदौर मेें छह मार्च को होलिका दहन प्रदोषकाल में होगा। छह मार्च को राजवाड़ा क्षेेत्र से शाही रंगारंग बाना भी निकलेगा। जिसमें झांकियां भी होगी। रंगों की वजह से राजवाड़ा की दीवारें खराब न हो, इसलिए रुट मेें बदलाव किया गया है। बाना राजवाड़ा क्षेेत्र मेें 30 सालों से निकल रहा है। कई जगह लकडि़यों के बजाए गोकाष्ठ और कंडों से होलिका दहन होगा। शहर मेें ज्यादातर स्थानों पर होलिका दहन सोमवार को किया जाएगा।