हरियाणा के चंडीगढ़ नूंह में भड़की हिंसा की आंच कई जिलों तक जा पहुंची तो वहीं हरियाणा अलर्ट पर है। हिंसा के पीछे की कई वजहें बताई जा रही हैं। मगर अब साइबर अपराधियों पर शक गहराने लगा है।हरियाणा के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा कि प्रारंभिक जांच में संकेत मिल रहा है कि हिंसा के पीछे साइबर अपराधी भी हो सकते हैं। नूंह में हिंसा के दौरान असामाजिक तत्वों ने साइबर थाने को भी निशाना बनाया। इस थाने में साइबर अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है और अपराधियों ने इसे नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि साइबर थाने पर हमले से किसको फायदा हो सकता है। साइबर अपराध के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह तथा एडीजीपी एएस चावला ने कहा कि मामले को धार्मिक रंग देना गलत है। असामाजिक तत्वों ने यह सारी साजिश रची। पिछले दिनों पुलिस ने नूंह में एक ऑपरेशन चलाकर 150 से अधिक साइबर अपराधियों को पकड़ा था। इसके बावजूद कुछ लोग नूंह के गांवों में बैठकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की पुलिस तैयारी कर रही थी। गुरुवार को हरियाणा के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने बताया कि अभी तक कुल 93 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 176 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें नूह में 46, फरीदाबाद में 3, गुरुग्राम में 23, रेवाड़ी में 3 और पलवल में 18 एफआईआर दर्ज की गई हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नूंह और आसपास के जिलों में अब हालात सुधर रहे हैं। शांति बहाली के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट और वीडियो की जांच के लिए हरियाणा सरकार ने चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से कमेटी में विशेष सचिव गृह विभाग-1 को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया है, जबकि सीआईडी के एसपी, आईटी के उप सचिव और एसीएस विभाग के इंटरसेप्शन सहायक को सदस्य बनाया है। नूंह हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। छह अलग-अलग मामलों में कुल 23 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। एफआईआर नंबर 261 में आरोपी को चार दिन की रिमांड पर भेजा गया है। एक आरोपी को तीन दिन, पांच आरोपियों को चार दिन और बाकी को पांच दिन की रिमांड पर भेजा गया है। यह जानकारी आरोपियों के वकील ने दी। पुलिस मामले की जांच मे जुटी हे