उत्तर प्रदेश के कानपुर में कुशाग्र की हत्या के बाद कपड़ा कारोबारी मनीष कनौडिया का परिवार फ्लैट भर में सिमट गया है। कुशाग्र के बारे में पूछने पर उसकी मां सोनिया की आंखें भर आती हैं। वे कहती हैं कि मेरे बेटे को मारा क्यों? 30 लाख नहीं करोड़ों दे देते, चाहे सब कुछ बेचना पड़ता। यह कहते-कहते वे फफक पड़ती हैं।
फ्लैट में प्रवेश करते ही कमरे के एक कोने में छोटा भाई क्रिया पर बैठा था और उसके आसपास ही परिवार के लोग बैठे नजर आए। सामने के कमरों में घर की महिलाएं का आना-जाना रहा। घर में रह-रहकर लोगों के रोने की आवाज सुनाई देती रहीं। मां सोनिया खुद को संभाल नहीं पा रही हैं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि जिस रचिता को वह परिवार का सदस्य मानती थी, वह ऐसा कर सकती है। वहीं, पिता मनीष को लगता है कि वे कानपुर में होते तो शायद बेटे की जान नहीं जाती।