उत्तर प्रदेश के मथुरा में जिला अस्पताल में मरीज सुबह 8 बजे से पहले ही पहुंचना शुरू हो गए थे। इस समय तक सफाईकर्मी ओपीडी के बाहर बरामदे में झाड़ू लगा रहा था, जबकि ओपीडी के कमरों पर ताले लगे हुए थे। न तो डॉक्टर ही आए हैं और न ही पर्चा बनवाने का काउंटर ही खुला हुआ मिला। सोमवार को यह नजारा देखने को मिला जिला अस्पताल का। महर्षि दयानंद जिला चिकित्साल में ओपीडी का समय प्रात: 8 से लेकर दोपहर बजे तक है। इस समय में डॉक्टर को मरीज देखने होते हैं। मरीजों का आरोप है कि एक-दो डॉक्टर को छोड़ दिया जाए तो कोई भी समय से ओपीडी में नहीं बैठते हैं। कई डॉक्टर तो 9 बजे के बाद ही मरीजों को देखना आरंभ करते हैं। फिर बाहर उनके चैंबर के बाहर कितने ही मरीज क्यों न एकत्रित हो जाएं। सोमवार को सुबह जिला अस्पताल में ओपीडी का नजारा कुछ ऐसा नजर आया।प्रात: 8.05 बजे- कक्ष 2 :-यह सर्जन कक्ष है, यहां गंभीर मरीज आते हैं। कक्ष में सर्जन डॉ. विकास मिश्रा और डॉ. रमेश चंद्र की ड्यूटी है पर तय समय तक दोनों की कुर्सी खाली पड़ी थीं और डॉक्टर नदारद थे। उनके कक्ष के बाहर बाहर 3 मरीज डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे। मरीज परेशान हे