हरियाणा के पानीपत से करीब चार किलोमीटर पश्चिम दिशा में स्थित बिंझौल गांव बहादुरों का गांव है। शहीद मेजर आशीष धौंचक व उनके चचेरे भाई विकास सेना में मेजर हैं। इसके अलावा गांव की एक बेटी प्रीति समेत आधा दर्जन लोग देश सेवा में उच्च पदों पर हैं। प्रीति पांच साल पहले लेफ्टिनेंट बनीं थी। वह सेना में पदोन्नति लेकर ऊंच पद पर हैं। प्रतीत धौंचक करनाल में जज हैं। इनके अलावा मनमोहन सिंह सेशन जज और दिलावर डीएफएससी के पद से से सेवानिवृत हैं। शहीद मेजर आशीष धौंचक को सैल्यूट करने के लिए शहर से लेकर पूरा गांव तैयार खड़ा। ग्रामीण टीडीआई सिटी से मोटरसाइकिल के काफिले की अगुवाई कर गांव पहुंचेंगे। गांव में भी कई जगह फूलों से स्वागत किया जाएगा और भारत माता के जयघोष के नारे लगाए जाएंगे। शहीद मेजर आशीष चौधरी को अंतिम विदाई उनके पैतृक गांव बिंझौल में दी जाएगी। उनके परिवार और गांव के अधिकतर लोग बृहस्पतिवार को सुबह ही उनके सेक्टर-7 स्थित मकान पर पहुंच गए थे। इसके अलावा गांव के कुछ लोगों ने अंतिम विदाई की तैयारी की। मेजर आशीष का पार्थिव शरीर दोपहर तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा था। ग्राम पंचायत सरपंच प्रदीप ने मौजिज लोगों से चर्चा की और मेजर आशीष की शहादत को गांव ही नहीं देश के लिए गौरवान्वित करने वाली बताई। उन्होंने गांव में आने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को मौका मुआयना कराया और यहां अंतिम विदाई की व्यवस्था कराई। बिंझौल गांव निवासी भाजपा सिवाह मंडल के अध्यक्ष नरेंद्र ने बताया कि मेजर आशीष धौंचक ने देश के नाम अपनी कुर्बानी दी है। पूरा गांव उनके स्वागत के लिए तैयार है। गांव के युवा मोटरसाइकिलों के जत्थे के साथ पार्थिव शरीर के आगे जुलूस के रूप में चलेंगे। करीब 100 मोटरसाइकिलों का जत्था इसमें होगा। इसके अलावा मुख्य गलियों में तिरंगा लगाया जाएगा। गांव में पांच-छह स्थानों पर फूलों की वर्षा की जाएगी। गांव के नर सिंह ने बताया कि आशीष के चाचा दिलावर एयरफोर्स में थे। उन्होंने एयरफोर्स से सेवानिवृति के बाद एनएफएल में ज्वाइन किया। उन्होंने बच्चों को देश सेवा में बड़े पद पर जाने का सपना दिखाया और उसे दिशा में काम भी किया। दिलावर का लड़का विकास सेना में मेजर है। आशीष भी अपने चाचा से प्रेरणा लेकर सेना में जाने के लिए तैयार हुआ। दोनों चचेरे भाई छह महीने के अंतराल में सेवा में लेफ्टिनेंट बने थे।
बिंझौल गांव में युवा सेना और पुलिस की तैयारी के लिए सुबह ही मैदान में उतर जाते हैं। वे गांव के स्टेडियम और नए पार्क में एक्ससाइज करते हैं। कई युवा सुबह व शाम को भी तैयारी करते हैं। युवा कपिल ने बताया कि वह सेना में बड़ा अधिकारी बनना चाहता है। वह सुबह उठकर अपनी प्रेक्टिस करता है और दिन में स्कूल में अपनी पढ़ाई करता है। आदित्य ने बताया कि उसका सपना देश सेवा के लिए सेना में जाने का है। वह इसके लिए लगातार मेहनत कर रहा है। पानीपत शहर विधायक प्रमोद विज ने शहीद मेजर आशीष के घर पहुंचकर उनके पिता लालचंद और अन्य परिजनों से बात की और उनको ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि मेजर आशीष धौंचक राष्ट्र की सुरक्षा के लिए शहीद हुए हैं। वे आतंकवादियों से सीधे भीड़ गए। सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है और आतंकवादियों को साफ कर रही है। सरकार पर भरोसा रखें। हमें आज ही नहीं लगातार परिवार के साथ खड़े होने ही जरूरत है।