मैनपुरी समाचार उत्तर प्रदेश के मैनपुरी मे सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने हमेशा मैनपुरी को अपनी कर्मभूमि बताते हुए लोगों के दिलों से जुड़ने की कोशिश की। इसी का नतीजा रहा कि सपा के गठन के बाद यहां भाजपा, बसपा और कांग्रेस को वनवास ही मिला। मुलायम सिंह यादव के सामने तो भाजपा ने ये सीट जीतने की उम्मीद है जैसे छोड़ दी थी, लेकिन अब उनके बाद ये सीट भाजपा के लिए भी चुनौती बन गई है। दशकों के वनवास को भाजपा इस बार हर हाल में तोड़ना चाहती है। कमल खिलाने की चाहत रखने वाली भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
लेकिन लोकसभा चुनाव की इस दौड़ में मैनपुरी सीट पर भाजपा की चाल थोड़ी धीमा है। दरअसल सपा ने 30 जनवरी को ही डिंपल यादव को मैनपुरी से प्रत्याशी घोषित कर दिया था। लेकिन भाजपा एक माह बाद भी इसमें पीछे है। कहने को तो भाजपा मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी लाने की बात कह रही है, लेकिन हो रही देरी जीत के लिए सही नहीं कही जा सकती। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि जितनी जल्दी प्रत्याशी मैदान में होगा, उसे जनसंपर्क और लोगों के बीच जाने के लिए उतना ही अधिक समय मिलेगा। वहीं भाजपा प्रत्याशी के नाम पर कमल को आगे करने की बात कहती है।
ये चुनाव कमल के निशान पर होगा या प्रत्याशी के चेहरे पर ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं में इस बार जोश नजर आ रहा है। भाजपा जिलाध्यक्ष राहुल चतुर्वेदी ने बताया कि कोई भी इतिहास टूटने के लिए ही बनता है। जनता अब भाजपा को जिताने का मन बना चुका है। मैनपुरी में कमल खिलने जा रहा है। जहां तक प्रत्याशी की बात है तो जल्द ही प्रत्याशी भी सबके सामने होगा