मेरठ समाचार उत्तर प्रदेश के मेरठ मे सारे शिवालयों मे धूमधाम हे भोले के जयकारों से मंदिर गूंज रहे हे भक्तो का मेला लगा हुआ हे शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर भक्त सुबह 4 बजे से पूरी श्रद्धा के साथ शिवालयों में जलाभिषेक शुरू कर दिया। शिवालय भी इसके लिए तैयार हैं। जलाभिषेक के लाखों लीटर जल के संरक्षण की तैयारी भी की गई है। कई शिवालयों में दस साल में 5 हजार लीटर से 10 हजार लीटर की क्षमता वाले वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाए गए हैं। भक्त शिवलिंग पर जल अर्पित करेंगे और शिव इस जल को धरती में समाहित। इससे शिवलिंग पर चढ़ने वाला जल नालियों में भी नहीं बहेगा।
बाबा औघड़नाथ मंदिर ने 12 साल पहले ही शहर में सबसे पहले वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाया था। अध्यक्ष सतीश सिंघल बताते हैं कि शिव को अर्पित जल नाली में न जाए इसे ध्यान में रखते हुए प्लांट लगाया गया। घटते जल स्तर को सुधारने का मंदिर की ओर यह एक प्रयास है। जादूगर का बाग राधा कृष्ण परशुराम मंदिर के प्रवक्ता मनोज अग्रवाल ने बताया कि मंदिर में वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाया गया है। छावनी बाबा औघड़नाथ मंदिर, सदर महा बिल्वेश्वर नाथ मंदिर, नगर निगम झारखंडी महादेव मंदिर, श्रीनाथ जी गौरी शंकर पंडित, जादूगर का बाग राधा कृष्ण परशुराम मंदिर, राजराजेश्वरी मंदिर। श्रीनाथ जी गौरी शंकर मंदिर के पुजारी पंडित सतीश शर्मा ने बताया कि मंदिर में लगे हैंडपंप के स्थान पर प्लांट लगाया गया है।
महा बिल्वेश्वरनाथ मंदिर के पुजारी पंडित हरीश चंद्र जोशी बताते हैं कि हिंदू धर्म में शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल गंगाजल के समान पवित्र माना जाता है। मंदिर में आठ वर्ष पूर्व वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाया जा चुका है। बाबा झारखंडी महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. सुबोध गर्ग कहते हैं कि मंदिर में पांच वर्ष पूर्व वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाया गया था। अब जलहरी से निकलने वाला जल सीधा प्लांट के माध्यम से धरती में जा रहा है। महाशिवरात्रि पर रुद्र का अभिषेक भलदायी है। इस बार महाशिवरात्रि शुक्रवार को पड़ने के कारण गन्ने के रस, सुगंधित जल और लाल चंदन जल से रुद्राभिषेक करने से शुक्र ग्रह से संबंधित सभी परेशानियां दूर होंगी। ज्योतिषाचार्य विनोद त्यागी ने बताया कि भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंस के सचिव आचार्य कौशल वत्स ने बताया कि ग्रह जनित दोषों और रोगों से शीघ्र ही मुक्ति के लिए रुद्राभिषेक किया जाता है। भगवान शंकर सर्व कल्याणकारी देव के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनकी पूजा अराधना समस्त मनोरथ को पूर्ण करती है। कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग, दुख से छुटकारा मिलता है। दही से अभिषेक करने पर पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है। गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। मधु युक्त जल से अभिषेक करने से धन की वृद्धि होती है। तीर्थ जल से अभिषेक से मोक्ष की प्राप्ति, इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी दूर होती है। दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति और गंगाजल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है। घी से अभिषेक करने से वंश का विस्तार होता है। शहद से अभिषेक करने से पापों का क्षय होता है। where is meerut