प्रयागराज न्यूज़ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज मे मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर संगम में डुबकी लगाने के लिए अभी से भीड़ पहुंचने लगी है। यूपी, एमपी, बिहार के अलावा उत्तर सेे लेकर दक्षिण तक के राज्यों से श्रद्धालु माघ मेला के शिविरों में पहुंच रहे हैं। इस बार दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के मौन स्नान का अनुमान है। भीड़ के आकलन के आधार पर चुस्त तैयारियां की जा रही हैं। चार स्नान घाट बढ़ाए जा रहे हैं। इस बार नौ घाटों पर संतों-भक्तों की मौन डुबकी लगेगी। मौनी अमावस्या चार दिन बाद नौ फरवरी को है। इससे पहले ही श्रद्धालुओं की टोलियां माघ मेले में पहुंचने लगी हैं।
मंगलवार को गोरखपुर, देवरिया, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी , जौनपुर समेत पूर्वांचल के कई जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिविरों में पहुंचे। इस दौरान झूंसी साइड से मनसइता पुलिया होकर आने वाले रास्ते पर भीड़ के दबाव को देखते हुए पुलिस ने वाहनों को रोक दिया। इससे काफी देर तक जाम लगा रहा। गोरखपुर के ददौरा गांव से आ रहे राजाराम पांडेय के वाहन को घंटों रोके रखा गया। उनके साथ 30 से अधिक कल्पवासी भी थे। इन कल्पवासियों को सेक्टर तीन स्थित काली मार्ग पर तीर्थपुरोहित और प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष रहे डॉ. प्रकाश चंद्र मिश्र के शिविर में जाना था। बाद में माघ मेला एसएसपी डॉ. राजीव नारायण मिश्र को जब इसकी जानकारी हुई, तब उनके निर्देश पर कल्पवासियों के वाहनों को एक-एक कर जाने दिया गया और वह अपने शिविरों में पहुंच सके। इसी तरह आचार्यवाड़ा और दंडी वाड़ा के शिविरों में भी देर रात तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला बना रहा। देर शाम मेला प्रशासन ने मौनी अमावस्या स्नान पर्व की तैयारियों की समीक्षा की।
इस दौरान कटान वाले घाटों पर डबल बैरिकेडिंग लगाने और स्नान घाटों को संतों-भक्तों, कल्पवासियों के लिए बेहतर बनाने के लिए कहा गया। पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीएम नवनीत सिंह चहल, प्रभारी माघ मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद और अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी उपस्थित थे।
मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर भीड़ के अनुमान को देखते हुए शहर के लोगों के लिए नया रास्ता और नया स्नान घाट देने की तैयारी है। इसके लिए इस बार बक्शीबांध के पास पार्किंग बनाई जा रही है। मेला एसएसपी डॉ. राजीव नारायण मिश्र के मुताबिक शहर के लोगों को पहली बार नया घाट और नया रास्ता मिलेगा। नागवासुकि से लगी पार्किंग में गाड़ी पार्क करने के बाद श्रद्धालु मौन डुबकी लगाएंगे। ऐसे श्रद्धालु पुल नंबर पांच से मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे और पुल नंबर छह से निकास होगा।