उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे समाज कल्याण विभाग मे हुए तबादले मे जमकर मनमानी हुई हे इस पर समाज कल्याण विभाग के सूत्रों का कहना है कि तबादले के इस खेल के पीछे की मुख्य वजह भ्रष्टाचार है। अगर गहनता से जांच हो तो हर साल होने वाले इस भ्रष्टाचार की तह तक पहुंचा जा सकता है। समाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति, पारिवारिक कल्याण लाभ और शादी अनुदान समेत तमाम योजनाओं में बड़े घपले सामने आ चुके हैं। इन घपलों में 20-20 साल से जमे इन बाबुओं की मिलीभगत भी सामने आती रही है। स्थानांतरण नीति 2022-23 और कार्मिक विभाग के शासनादेश से विचलन, उल्लंघन एवं अनियमितता के लिए निदेशालय स्तर से कौन जिम्मेदार है। उनके विरुद्ध क्या-क्या कार्रवाई किया जाना प्रस्तावित है 20-20 साल से एक ही जिले में जमे हैं समाज कल्याण के बाबू” की पुष्टि होती है। स्थानांतरण का 10 प्रतिशत निर्धारित कोटा समाप्त हो गया था और 3 वर्ष से अधिक अवधि से तैनात कर्मियों का स्थानांतरण निदेशालय स्तर से संभव नहीं था इस तरह विभाग ने स्थानांतरण नीति की मूल भावना को ध्यान में नहीं रखा। मामले की जांच चल रही हे