उत्तर प्रदेश के रायबरेली। शहर क्षेत्र के 12 मोहल्लों की सड़कों की सूरत नहीं बदल पाई है। ऐसे में 50 हजार आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में चल रही हवा से धूल उड़ रही है। इससे इन सड़कों से गुजरना लोगों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। जलनिगम के अधिकारियों के निर्देश के बाद भी फर्म के अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं हैं। शहर क्षेत्र में अमृत योजना के तहत फेज-तीन के तहत सीवर लाइन डालने का कार्य चल रहा है।यह कार्य मेसर्स केके स्पन इंडिया लिमिटेड फरीदाबाद (हरियाणा) करा रही है। सीवर लाइन डालने के बाद सड़कों की खुदाई तो कराई जा रही है, लेकिन नए सिरे से सड़कों का कार्य नहीं हो रहा है। शहर क्षेत्र के 12 मोहल्लों में 14.50 किमी. की सड़क नए सिरे से बनाई जानी है, लेकिन यह कार्य दो माह बाद भी नहीं हो पाया है। बालापुर निवासी बब्बू, राजन शुक्ला, विजय शुक्ला, शिवाजी नगर निवासी अनुभव रस्तोगी, सोनू सिंह, ज्योतिबा नगर निवासी शैलेंद्र, पवन, अनिल कुमार बताते हैं कि हवा चलने से धूल आंखों में पड़ती है। इससे सड़कों से आना जाना मुश्किल है। इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।कृष्णा नगर, तिलक नगर, यदुवंशी नगर, बस्तेपुर, जवाहर विहार कॉलोनी, पटेल नगर, बालापुर, शिवाजी नगर, शक्ति नगर, तुलसी नगर, मलिकमऊ कॉलोनी, अंबेडकर नगर मोहल्लों में सड़कें नहीं बनाई जा सकी हैं
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