उत्तर प्रदेश के लखनऊ मे परिवहन निगम के चालक-परिचालकों की हड़ताल शुक्रवार शाम को समाप्त हो गई। प्रबंध निदेशक से वार्ता और हड़ताल में शामिल 36 कर्मचारियों पर कार्रवाई न करने के आश्वासन पर हड़ताल वापस ली गई। मगर इससे पहले शाम तक सभी बस स्टैंडों से बसों का संचालन पूरी तरह ठप रहा। करीब एक हजार बसें स्टैंडों पर ही खड़ी रहीं। इससे लगभग 70 हजार हजार यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि शाम को बसों का संचालन शुरू होने से यात्रियों को कुछ राहत मिली। अमौसी में परिवहन निगम डिपो पर कर्मचारियों ने काम ठप कर प्रदर्शन किया। जिससे बाराबंकी, रायबरेली, दिल्ली, मेरठ, अलीगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, रायबरेली, कानपुर, सीतापुर, बरेली, फतेहपुर, गोरखपुर, बाराबंकी, झांसी, आजमगढ़, गाजीपुर आदि जाने वाले यात्रियों के लिए मुसीबत हो गई। परिवहन निगम के अफसर भी सकते में आ गए, जिसके बाद कर्मचारियों को मनाने की कोशिश हुई और अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग ने परिवहन निगम मुख्यालय में कर्मचारी नेताओं से बात की इन मांगों को लेकर हुआ चक्का जाम :
क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर को हटाया जाए।
पहले की तरह डीडीआर दिया जाए और 250 किमी का नियम समाप्त हो।
चालक-परिचालक को आठ से दस घंटा बिना समय-सारिणी के बस अड्डों पर रोकना।
विश्राम के नाम पर प्रताड़ित न किया जाए।
किराया बढ़ने से यात्रियों की कमी, लोड फैक्टर के नाम पर शोषण न किया जाए।
यात्रियों की शिकायतों की बिना जांच चालक-परिचालक का उत्पीड़न न हो।
वार्ता के बाद शाम करीब पांच बजे कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त कर दी। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे फिर हड़ताल पर चले जाएंगे।