उत्तर प्रदेश के कानपुर में दुष्कर्म के प्रयास की शिकार तीन साल की मासूम हैलट के आईसीयू में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। उसकी हालत नाजुक है और उसे होश नहीं आया है। सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने गुरुवार को उसके पेट की सर्जरी की। उसकी आंत में गहरा जख्म था और आंत फट गई थी। डॉक्टर अभी उसकी स्थिति को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। वेंटिलेटर पर मासूम जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। सोमवार की शाम तीन साल की यह मासूम अपने घर के बाहर खेली रही थी। तभी पड़ोस की कॉलोनी का लड़का उसे साइकिल से घुमाने के बहाने साथ ले गया। उसने मासूम से दुष्कर्म का प्रयास किया। हादसे से खौफजदा होकर उसी वक्त वह बेहोश हो गई। उसके बाद उसे होश नहीं आया। उसे तेज झटके भी आ रहे हैं। डॉक्टर सिर में चोट डायग्नोस कर रहे हैं। सर्जन डॉ. श्रद्धा वर्मा ने बताया कि मासूम की आंत को जोड़ तो दिया है, लेकिन हालत नाजुक बनी हुई है।ऑपरेशन के दौरान आंखों में आंसू लिए परिजन और दूसरे लोग मासूम की जिंदगी की दुआएं कर रहे थे। वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डॉ. यशवंत राव के अंडर में उसे भर्ती किया गया है। उनका कहना है कि मासूम की चोटों की स्थिति उसके होश में आने का बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। मस्तिष्क में चोट की स्थिति जानने के लिए उसकी सीटी स्कैन जांच की गई, लेकिन स्थिति स्पष्ट न हुई। बुधवार को एमआरआई में पेट में चोट नजर आई थी, तो गुरुवार को उसकी सर्जरी की गई। हादसे में मासूम को कितनी चोटें आई हैं और कितनी गहरी हैं। यह अभी डॉक्टर नहीं बता पा रहे हैं। डॉ. राव का कहना है कि बच्ची की आंत की सर्जरी तो करा दी है। बाहर से उसके पेट की सतह पर कोई चोट नहीं दिख रही थी। सीटी स्कैन से सारी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाती है। न्यूरो के डॉक्टर भी उसकी जांच कर रहे हैं। हादसे में उसे गहरी अंदरूनी चोटें आई हैं। नशा, सेक्सुअल थ्रिल और आवेग में कोई ऐसी हरकत कर सकता है। अगर बच्चे गलत हरकतें देखते रहते हैं तो उनके जेहन में कुंठा बन जाती है। छोटी उम्र में आवेग पर लड़के नियंत्रण नहीं रख पाते। वे इसका परिणाम भी नहीं सोचते। ऐसे व्यक्ति जिद्दी, गुस्सैल होते हैं और मनमानी का प्रयास करते हैं। माता-पिता को उनके लक्षणों से सचेत रहना चाहिए जिससे वे कोई हरकत न कर पाएं। -डॉ. उन्नति कुमार, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ दुष्कर्म का प्रयास करने वाले बच्चे की परवरिश जिस परिवेश में हुई, उसका असर बच्चे पर पड़ा है। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि बच्चे की आपराधिक प्रवृत्ति के लिए उसकी मां सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। आरोपी नाबालिग की मां लड़ाकू स्वभाव की है। वह मोहल्ले में किसी न किसी से विवाद करती है और चापड़ तक लेकर दौड़ा लेती है। बच्चे ने की थी मोहल्ले के बच्चों से मारपीट मोहल्ले के लोग बताते हैं कि इस घटना से पहले भी आरोपी बच्चे का नाम कई घटनाओं में सामने आया। बच्चे ने करीब एक महीने पहले मोहल्ले के बच्चों से मारपीट की। इस मामले में भी उसकी मां ने ही मासूम को उकसाया था। आरोपी बालक का गुरुवार को मेडिकल हुआ। चकेरी थाना प्रभारी रत्नेश सिंह ने बताया कि मेडिकल में बालक की उम्र 10 साल आई है। अब मेडिकल रिपोर्ट के साथ चकेरी पुलिस शुक्रवार को फिर से बालक को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश करेगी। फिलहाल बालक को उसके माता-पिता की कस्टडी में ही रखा गया है। बता दें, पुलिस ने इससे पहले दो बार आरोपी नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया, लेकिन दस्तावेज पूरे न होने की वजह से बोर्ड ने उसे लौटा दिया था। चूंकि पुलिस के पास बालक को रखने की कोई व्यवस्था नहीं थी पुलिस मामले की जांच कर रही हे