उत्तर प्रदेश के कानपुर ज़िले मे भगवान जी… मेरी क्या गलती थी, अभी तो मैं दुनिया को समझ भी न पाई थी। उम्र के महज तीसरे साल में ऐसी घिनौनी तस्वीर देखने को मिली कि अब आपसे प्रार्थना है कि अगले जन्म में मुझे बेटी बनाकर न भेजना। कुछ इन्हीं तरह के सवालों को लेकर तीन साल की लाडो ने दुनिया से विदाई ली।बिटिया ने भगवान से जरूर पूछा होगा कि मैंने तो केवल तीन साल ही बिताए थे। मंमी-पापा के साथ अभी तक तो मैं ठीक से घुलमिल भी न पाई थी और आपने मुझे अपने पास बुला लिया। जिस असहनीय दर्द से मैं गुजरी हूं न भगवान जी, अब आपसे यही प्रार्थना है कि किसी और बेटी के साथ ऐसा न होने देना। इस घिनौने कृत्य के बाद मैं चार घंटे तक बेसुध लहूलुहान अवस्था में पड़ी रही थी। दिमाग में डर और शरीर की चोटों का असहनीय दर्द जो मैंने सहा है, ऐसा किसी भी बेटी के साथ न हो। इलाज के दौरान धीरे-धीरे मेरी सांसें मुझे अलविदा कहती जा रही थीं, पहले आंत, फिर गुर्दे और फिर एक-एक करके अंग काम करना बंद कर रहे थे। शरीर सुन्न पड़ता जा रहा था। पापा-मंमी रो रहे थे और मैं चुपचाप पड़ी सब अपनी आंखों से देख रही थी। महज तीन साल की उम्र में मैंने जन्म के दौरान मनाई गईं खुशियां भी देख लीं और विकृत होते समाज का चेहरा भी। चलिए भगवान जी, अब मुझे यहां से ले चलिए। दुष्कर्म के प्रयास के मामले में जान गंवाने वाली मासूम की मां ने बिलखते हुए हैलट अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मां का आरोप है कि बेटी की मौत दो दिन पहले ही हो चुकी थी। जिम्मेदार डॉक्टर शहर में वीआईपी मूवमेंट होने के चलते बेटी की मौत को छिपाए थे। हैलट में बच्ची की मौत की खबर से मां का हाल बेहाल हो गया। मां का आरोप लगाया है कि दो दिन पहले उन्होंने डॉक्टरों से बेटी को दिखाने का आग्रह किया तो कोई कुछ नहीं बोला। उसका हालचाल तक नहीं बताया। वह आखिरी बार अपनी बच्ची से बात तक नहीं कर पाईं। पुलिस का कहना है कि शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद इस बात की पुष्टि हो सकेगी कि बच्ची की मौत कब हुई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही हे