हरियाणा के करनाल। आईटीआई में दाखिले के लिए महज दो दिन का समय शेष है, लेकिन जिले के निजी आईटीआई संस्थानों को विद्यार्थी नहीं मिल रहे हैं। इनकी रिक्त पड़ी 68 फीसदी सीटों को दो दिन में भर पाना चुनौतीपूर्ण है। यह हालात तब हैं, जब निर्धारित दाखिला प्रक्रिया के बाद लगातार पांच बार और डेढ़ माह तक दाखिले की अंतिम तिथि को विभाग आगे बढ़ा चुका है। इसके बावजूद संस्थानों में सीटें रिक्त हैं। ऐसे में संस्थान और ट्रेड बंदी की कगार पर आ जाएंगे। कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग ने आईटीआई में दाखिले के लिए संस्थानों और विद्यार्थियों को एक अंतिम अवसर दिया है। इसके अनुसार, 23 सितंबर तक संस्थानों में ऑन द स्पॉट दाखिले दिए जा रहे हैं। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, इस बार चार मेधा सूची के तहत दाखिले होने थे। चार मेधा सूची के बाद खाली बची सीटों पर अगस्त माह की शुरुआत में ऑन द स्पॉट दाखिले शुरू किए गए थे। अब तक भी सभी खाली सीटों पर दाखिले नहीं हो पाए हैं, ऐसे में विभाग ने अब यह अंतिम अवसर संस्थान प्रबंधकों की मांग पर दिया है। जिले के संस्थानों की स्थिति पर नजर डालें तो राजकीय संस्थानों में 13.5 प्रतिशत और निजी संस्थानों में 68 प्रतिशत सीटें रिक्त हैं। करनाल जिले में नौ राजकीय संस्थानों में कुल 3316 में से 449 सीटें और नौ निजी संस्थानों की 984 सीटों में से 671 पर दाखिले के लिए कोई भी विद्यार्थी सामने नहीं आया। निसिंग की राजकीय आईटीआई के दाखिला प्रभारी डॉ. जसविंद्र सिंह संधू ने बताया कि जिन संस्थानों की सभी सीटें रिक्त हैं या जो ट्रेड पूरी तरह से रिक्त हैं, इनका भविष्य भी संकट में है। क्योंकि नियम के अनुसार, यदि एक साल में एक ट्रेड या संस्थान में दाखिला नहीं होता तो उसे निलंबित कर दिया जाता है और यदि तीन साल तक ऐसी स्थिति रहे तो उसे पूरी तरह बंद कर दिया जाता है। निजी संस्थानों की स्थिति ज्यादा खराब है। राजकीय संस्थानों में सीटें काफी हद तक भर चुकी हैं।दाखिला प्रक्रिया 23 अगस्त को पूरी हो चुकी है। यह विभाग की ओर से अंतिम अवसर दिया गया है। जो विद्यार्थी दाखिले से वंचित रह गए हैं, वे दाखिला जरूर लें। करनाल आईटीआई में महज 76 सीटें रिक्त हैं।