उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में भी वेट-बल्ब टेंपरेचर की चपेट में आ गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब तापमान और नमी अपनी उस सीमा को से ज्यादा हो गई है, जिसे मनुष्य बर्दाश्त कर पाता है। ऐसी स्थिति में पसीना निकलता तो है मगर वाष्पीकरण न हो पाने के कारण उससे शरीर को ठंडक नहीं मिलती। यह स्थिति खतरनाक होती है और इंसान में बेचैनी बढ़ जाती है और चक्कर आने लगते हैं। भारतीय मौसम विज्ञान (आईएमडी) विभाग की ओर से मंगलवार को इस संबंध में चेतावनी जारी की है।मौसम के जो पूर्वानुमान सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार आने वाले दिनों में तापमान लंबे समय तक 40 से 50 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। इसके साथ ही नमी भी उसी अनुपात में बढ़ सकती है। मंगलवार को भी ऐसी ही स्थिति रही।मौसम में आए बदलाव (वेट बल्ब टेंपरेचर) की वजह से महाराष्ट्र के नवी मुंबई में दोपहर में एक सम्मान समारोह के दौरान 11 मौतें हो गई थीं। मौसम विशेषज्ञ डॉ. पांडेय के अनुसार जो रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार गर्मी और उसम की वजह से बेचैनी और चक्कर आने की घटनाएं बढ़ रही हैं। मौसम का यह बदलाव जानलेवा भी हो रहा है।गर्मी से बचने के लिए वहां क्या किया जाए। इसे लेकर एक हीट एक्शन प्लान बनाया जा रहा है। चंद्रशेखर आजाद कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक ने बताया की कानपुर मंडल सहित पूरा देश वेट-बल्ब टेंपरेचर के दायरे में आ चुका है। 31 डिग्री सेल्सियस का वेट बल्ब टेंपरेचर मनुष्यों के लिए अत्यंत खतरनाक है